अथाह ब्यूरो
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के द्वितीय चरण में उत्तर प्रदेश में बागपत, बुलन्दशहर, अलीगढ़, अमरोहा, मेरठ, मथुरा, गाजियाबाद एवं गौतमबुद्धनगर में हुए मतदान में जनाक्रोश के चलते भाजपा को हर तरफ अपनी हार दिखाई दी है। लोगों ने एकजुट होकर समाजवादी पार्टी-इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों को भारी मतों से विजयी बनाने के लिए गर्मी-लू-धूप की जरा भी परवाह नहीं की। वृद्ध, दिव्यांग से लेकर नववधू तक ने भाजपा को हराने का निश्चय दिखाया।
उन्होंने कहा दरअसल, मतदाताओं ने भाजपा के बजाय समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व पर भरोसा जताया। जनता नफरत की राजनीति से ऊबी है। लोगों को भरोसा है कि श्री यादव ही उन्हें न्याय दिलाएंगे। किसानों का कर्ज माफ होगा। नौजवानों को नौकरी मिलेगी। महिलाओं को सुरक्षा मिलेगी। उन्होंने कहा अपने अलोकतांत्रिक और मयार्दाहीन आचरण के चलते भाजपा ने आज मतदान के दूसरे चरण में जगह-जगह मतदान में व्यवधान डालने और सत्ता का दुरूपयोग खुले तौर पर करने में जरा भी परहेज नहीं किया। वैध दस्तावेज दिखाने के बावजूद कई जगह मतदाताओं को मतदान से रोका गया। मतदाताओं को परेशान करने और मतदान में अवरोध के लिए मतदान कर्मियों का काम बंद कर एक साथ लंच करने जाने का नया उदाहरण भी इस बार देखने को मिला। कई अधिकारियों के भाजपा एजेंट बनने की शिकायते भी रहीं। ग्रेटर नोएडा, बुलन्दशहर में तो फर्जी मतदान के मामले में दो दर्जन लोग भी पकड़े गए।
चौधरी ने कहा ईवीएम खराबी की तो पहले की तरह फिर कई जगहों से खबरें आई है। गाजियाबाद में सत्ता पक्ष के इशारे पर धीमा मतदान कराया गया ताकि मुस्लिम मतदाता बड़ी संख्या में वोट न डाल सके। लोकसभा क्षेत्र मेरठ में भाजपा नेता बूथ संख्या 329 पर जबरन फर्जी मतदान कराते मिले। गौतमबुद्ध नगर में नोएडा के बूथ संख्या 113 व 120 पर भाजपा प्रत्याशी की पत्नी पार्टी का पटका पहनकर मतदाताओं पर भाजपा के पक्ष में मतदान का दबाव डाल रही थी। अमरोहा में पुलिस समाजवादी पार्टी के कार्यकतार्ओं को धमकाकर भगाती रही। बागपत में कई पुलिस अधिकारी समाजवादी पार्टी के प्रति बढ़ते मतदान को देखकर खुद भाजपा के कार्यकर्ता बन गए। खासकर वर्ग विशेष के मतदाताओं को अपमानित करने की कई जगह शिकायते मिली। उन्होंने कहा सपा द्वारा मुख्य निर्वाचन आयुक्त भारत सरकार तथा जिला निर्वाचन अधिकारियों को तत्काल सभी शिकायतों से अवगत कराकर उनसे तत्काल आवश्यक कार्यवाही की अपेक्षा की गई है। स्वतंत्र एवं निष्पक्ष, चुनाव कराना निर्वाचन आयोग का संवैधानिक दायित्व एवं कर्तव्य है।