- कांग्रेस का उद्देश्य है किसी भी प्रकार से सत्ता हड़पना तथा एससी, एसटी एवं ओबीसी के अधिकार को समुदाय विशेष को सौंपना है
- और राहुल गांधी अब देश की संपत्ति, संसाधन और पूंजी का एक्स-रे करवाने की बात कर रहे हैं: मौर्य
- जवाहरलाल नेहरू ने कभी भी दलितों के हित की बात नहीं की: केशव
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। वरिष्ठ भाजपा नेता एवं उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को भाजपा केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार ने ओबीसी वर्ग के आरक्षण को छीनकर मुस्लिम समुदाय को दे दिया है, जो बाबा साहब अंबेडकर द्वारा बनाए गए भारत के संविधान के विरुद्ध है। इससे पहले कांग्रेस सरकार के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह ने देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुस्लिम वर्ग का बताया था।
मौर्य ने कहा कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन एससी, एसटी एवं ओबीसी वर्ग के अधिकारों पर डाका डालने की साजिश कर रही है। कर्नाटक में ओबीसी वर्ग के आरक्षण को छीन कर मुस्लिम समुदाय दिया गया, जो ओबीसी के अधिकारों पर डाका डालने के समान है। भाजपा ने सदैव ही सबका साथ और सबका विकास के मूलमंत्र पर चलती है, मगर कांग्रेस का इतिहास सदा तुष्टीकरण की घिनौनी राजनीति का रहा है। 9 दिसंबर 2006 को नेशनल काउन्सिल की बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। यह कथन भारत के संविधान के विरुद्ध और बाबा साहब अंबेडकर सहित संविधान सभा के सभी सदस्यों की भावनाओं के विपरीत था।
कांग्रेस के तुष्टिकरण की राजनीति पर निशाना साधते हुए मौर्य ने कहा कि 27 अक्टूबर 1951 को बाबा साहेब अंबेडकर ने कहा था कि ह्यदेश के प्रधानमंत्री और कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कभी भी दलितों के हित की बात नहीं की, जब भी बात की तो केवल मुसलमानों के हित की बात की। कांग्रेस के शासनकाल में धार्मिक आधार पर देश का विभाजन हुआ और लोगों को काफी नुकसान भी सहन करना पड़ा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा मण्डल आयोग की सिफारिश से अलग हटकर ओबीसी वर्ग के आरक्षण को मुस्लिम समुदाय को दे दिया गया। कांग्रेस के शहजादे राहुल गांधी अब ओबीसी वर्ग के आरक्षण को छीनकर मुस्लिमों को देने वाली कर्नाटक मॉडल को पूरे देश में लागू करना चाहते हैं।