शिवपाल यादव के बयान पर भाजपा का हमला
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद बृजलाल ने शुक्रवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर हुई प्रेसवार्ता में कहा कि सपा का मूल चरित्र ही धमकाना और धौंसियाना है। शिवपाल यादव का बदायूं में वोट न देने पर हिसाब- किताब कर धमकाने की बात करना सपाई असलियत को उजागर करता है। बदायूं से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी शिवपाल यादव का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ। जिसमें वे वोट न देने वाले लोगों से हिसाब किताब करने की बात कहकर धमकाने का काम कर रहे हैं। इससे यह बात तो बिलकुल साफ है कि, अपराधी, माफिया और दंगाई सपा के घर जमाई।
बृजलाल ने कहा कि चुनाव के बाद सपा का हिसाब किताब कैसा होता है यह किसी से छिपा नहीं है। 2004 के लोकसभा चुनाव में बूथ कैप्चरिंग का विरोध करने वाले भाजपा कार्यकर्ता नीरज मिश्रा की नृशंस हत्या किसी से छिपी नहीं है। कहा कि कन्नौज में अखिलेश यादव के सामने ही भाजपा उम्मीदवार के टुकडे़-टुकडे़ करने की बात करने वाले नेता को भी सपा सपा प्रमुख का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने यह भी कहा कि, यह कोई पहली बार नहीं हो रहा है कि समाजवादी नेता ऐसा बोल रहे हैं। इनकी हरकतों को जनता ने देखा और झेला है। 2022 के विधानसभा चुनाव में हर जिले में इनका कम से कम एक उम्मीदवार अपराधी या इलाके का प्रसिद्ध गुंडा रहा है। 2022 के चुनाव के परिणाम के पहले ही किस प्रकार सपा के नेताओं ने पूरे प्रदेश में अराजकता फैलाई यह किसी से छिपा नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि, मोदी की बोटी-बोटी करने की बात कहने वाले दंगाई इमरान मसूद सहारनपुर से इंडी गठबंधन के उम्मीदवार हैं। कैराना में गैंगस्टर और पलायन के जिम्मेदार रहे नाहिद हसन सपा-कांग्रेस गठबंधन के शैडो कैंडिडेट हैं। बहन तो बस नाम को लड़ रही है। इंडी गठबंधन वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया का पैरोकार है। इन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि देश में मोदी जी और प्रदेश में भाजपा के मुख्यमंत्री के रूप में योगी जी सरकार चला रहे हैं। गुंडों, माफियाओं का इलाज करना वे बखूबी जानते हैं।
बृजलाल ने कहा कि प्रदेश की जनता भी 2014 से इंडी ब्लॉक का लगातार इलाज कर रही है। 2017 विधानसभा, 2017 नगर निकाय, 2019 लोकसभा चुनाव, 2022 विधानसभा चुनाव, 2022 नगर निकाय चुनाव में लगातार हरबार जनता सपाई अराजकता की वापसी के खिलाफ भाजपा के पक्ष में वोट कर रही है। इस बार भी जनता इन सपाईयों की बदजुबानी और अराजकतावादी सोच को ताले में बंद कर देगी। भाजपा पर उसका आशीर्वाद फिर से कायम रहेगा और मोदी के नेतृत्व में 80 सीटें जीतेगी।