- लोकसभा चुनाव शुरू होने के बाद हो रहा कांगे्रस अध्यक्षों में बदलाव
- कांग्रेस संगठन में बदलाव को लेकर कार्यकर्ताओं में निराशा
- पूर्व महानगर अध्यक्ष बोले राजनीतिक रिश्तों पर निजी रिश्ते पड़े भारी
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। लोकसभा चुनाव शुरू हो चुका है। इसके साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होने के साथ ही प्रत्याशी ने नामांकन भी कर दिया। शुक्रवार को प्रत्याशी के चुनाव कार्यालय का उद्घाटन भी हो जायेगा। लेकिन पहले जिलाध्यक्ष और अब महानगर अध्यक्ष को कांग्रेस नेतृत्व ने बदल दिया। इसको कांग्र्रेस कार्यकर्ता चुनाव के लिहाज से शुभ नहीं मान रहे हैं। वहीं अब तो हटाये गये अध्यक्ष यहां तक कह रहे हैं कि राजनीतिक रिश्तों पर निजी रिश्ते भारी पड़े। लेकिन वे कांग्रेस के सिपाही है प्रत्याशी को विजयी बनाने के लिए पुरजोर प्रयास करेंगे।
बता दें कि कांग्रेस ने इसी सप्ताह जिलाध्यक्ष बिजेंद्र यादव को हटाकर विनीत त्यागी को जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप दी। हालांकि, बिजेंद्र यादव के पास पार्टी के प्रदेश महासचिव की जिम्मेदारी भी है। लेकिन ऐन चुनाव के मौके पर अध्यक्ष को बदलना राजनीतिक अपरिपक्वता माना जा रहा है। इसके साथ ही बुधवार की रात महानगर अध्यक्ष लोकेश चौधरी को हटाकर पूर्व महापौर प्रत्याशी विजय चौधरी को नया महानगर अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया। लेकिन पार्टी के इस निर्णय को पार्टी के ही कार्यकर्ता और पदाधिकारी आत्मघाती कदम करार दे रहे हैं, वहीं पार्टी प्रत्याशी के खास लोग इसे पार्टी आलाकमान का निर्णय बताते हुए कहते हैं कि अकेले गाजियाबाद जिले में ही नहीं, बल्कि प्रदेश के अनेक जिलों में अध्यक्ष बदले गये हैं। कांग्रेस प्रत्याशी डॉली शर्मा के पिता एवं पूर्व महानगर अध्यक्ष नरेंद्र भारद्वाज कहते हैं कि यह निर्णय पार्टी नेतृत्व का है। उन्होंने कहा बिजेंद्र यादव पार्टी के प्रदेश महासचिव होने के साथ ही जुझारू कार्यकर्ता है। वहीं, लोकेश चौधरी भी पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता है।
दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि अध्यक्षों में बदलाव पार्टी प्रत्याशी डॉली शर्मा के कहने पर हुआ। इसके साथ ही तर्क दिया गया कि डॉली शर्मा एवं इंडिया गठबंधन के दलों के साथ उनका तालमेल नहीं बैठ रहा था। खासकर लोकेश चौधरी को बदलने पर।
जो कोई भी यह कहता है कि डॉली शर्मा एवं गठबंधन के नेताओं से तालमेल ठीक नहीं था यह गलत है। मैंने खुद समन्वय बैठक के लिए सभी दलों के पदाधिकारियों से बात की थी और उन्हें पूरा सम्मान दिया। डॉली शर्मा ने भी दो दिन पहले वार्ड अध्यक्षों को बदलने के लिए सूची दी थी। यदि मैं गलत था तो उन्होंने सूची क्यों दी। बदलाव को लेकर मैं इतना ही कहना चाहता हूं कि पार्टी में ऐसा लगता है कि निजी रिश्ते राजनीतिक रिश्तों पर हावी हो गये हैं। मैं कांग्रेस का सिपाही था और रहूंगा। प्रत्याशी को विजयी बनाने के लिए पूरी मेहनत की जायेगी।
लोकेश चौधरी, निवर्तमान महानगर अध्यक्ष, कांग्रेस गाजियाबाद
पार्टी नेतृत्व ने भी जो निर्णय लिया उसका स्वागत है। हालांकि, बदलाव के लिए टाइमिंग गलत है। यदि बदलाव करना चाहिये था तो पहले कर देते। पार्टी ने मुझे प्रदेश महासचिव की जिम्मेदारी भी दी है। मेरठ में हुए जन संवाद कार्यक्रम में मैंने स्वयं दूसरा अध्यक्ष बनाने अथवा कार्यवाहक अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव भी दिया था। यह पार्टी हित में नहीं है।
बिजेंद्र यादव, निवर्तमान जिलाध्यक्ष एवं प्रदेश महासचिव कांग्र्रेस कमेटी उत्तर प्रदेश
पार्टी ने जो भी बदलाव किया वह निर्णय पार्टी नेतृत्व का है। मैं पार्टी का आभारी हूं जो इस लायक समझा गया। डॉली शर्मा को सभी कांग्रेस कार्यकर्ता मिलकर भारी बहुमत से विजयी बनायेंगे।
विजय चौधरी, महानगर कांग्रेस अध्यक्ष, गाजियाबाद