अथाह ब्यूरो
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता दो माह में दो करोड़ पीडीए परिवारों से सम्पर्क करेंगे और उनसे सामाजिक न्याय तथा आरक्षण के बारे में चर्चा करेंगे। इन परिवारों के साथ आर्थिक तथा सामाजिक गैरबराबरी और इसके दुष्प्रभावों के बारे में भी खुलासा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर ने जहां पीड़ित-शोषित और वंचित समाज को सम्मान से जीने की राह दिखाई वहीं डा. राममनोहर लोहिया ने अवसर की समानता के सिद्धांत से सामाजिक क्रांति की भी आधारशिला रखी। फिर भी भारत जैसी सामाजिक असमानता और भेदभाव आज भी कहीं और नहीं है। समाजवादी विचारधारा में पीडीए के माध्यम से शोषित पीड़ित वर्ग को आशा और विश्वास की नई किरण दिखाई दी है।
यादव ने कहा कि भाजपा राज में यथास्थितिवाद को बढ़ावा मिला है और खासकर महिलाओं, दलितों और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ा है। उन्हें कदम कदम पर अपमानित किया जाता है। इस समाज के आत्मसम्मान की लड़ाई समाजवादी पार्टी लड़ती आई है आगे भी लड़ेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने लोकतांत्रिक मूल्यों का बहुत उपहास किया है। पूँजीघराने फलफूल रहे है जबकि गरीब जनता की आवाज उठाना अपराध हो गया है। ऐसे में देश का विकास सभी वर्गों के समानुपातिक भागीदारी से ही संभव है। जातीय जनगणना से यह लक्ष्य प्राप्त हो सकता है। जब हरेक को अपनी संख्या के आधार पर हक और सम्मान मिलेगा तभी वास्तविक सामाजिक न्याय की स्थापना हो सकेगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा मूलत: सामाजिक न्याय के विरूद्ध है, इसीलिए वह पिछड़ों, दलितों के रिजर्वेशन को समाप्त करने की साजिश कर रही है। वह इनके वोट तो लेती है पर उन्हें अधिकार नहीं देना चाहती है। इनके अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए पीडीए की एकजुटता से समाजवादी पार्टी- इंडिया गठबंधन पूरी ताकत से इस लोकसभा चुनाव में भाजपा की एकाधिकारवादी केन्द्र की सत्ता को हटाने जा रहा है।