Dainik Athah

भाजपा- कांग्रेस समेत कोई भी दल तय नहीं कर पा रहा है अपने पहलवानों के नाम

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अखाड़ा और रैफरी तैयार, लेकिन

देश की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा से सेना के पूर्व जर्नल समेत अन्य पहवान लगे हैं कसरत में

कांग्रेस में भी दावेदारों की सूची, लेकिन आलाकमान ऊहापोह में

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद।
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अखाड़े तैयार हो गये हैं, मुकाबले की तिथियां भी घोषित कर दी गई है, लेकिन अखाड़े में किस दल के कौन कौन पहलवान आसम में भिड़ेंगे यह कोई भी दल तय नहीं कर पा रहा है। इस स्थिति में सभी दलों के कार्यकर्ता भी असमंजस में है कि क्या करें और क्या न करें।
चुनाव आयोग ने शनिवार को देश के सभी लोकसभा सीटों के साथ ही चार राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित कर दी। इसके साथ ही गाजियाबाद लोकसभा सीट के चुनाव के लिए 26 अप्रैल की तिथि तय कर दी गई है। नामांकन का काम 28 मार्च से शुरू हो जायेगा, लेकिन अखाड़े को पहलवानों का इंतजार है। यदि विश्व की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा जिसकी केंद्र के साथ ही उत्तर प्रदेश में भी सरकार है की बात करें तो पार्टी ने हर लोकसभा क्षेत्र में चुनाव कार्यालय पहले ही खोल दिये, लेकिन इन कार्यालयों में भी कार्यकर्ता नहीं जा रहे हैं। इसका सीधा कारण यह है कि पार्टी ने अपना प्रत्याशी ही घोषित नहीं किया।
गाजियाबाद लोकसभा सीट से वर्तमान में पूर्व थल सेनाध्यक्ष जर्नल वीके सिंह सबसे बड़े दावेदार है। दो बार सांसद बनने के साथ ही दोनों ही बार उन्हें केंद्र सरकार में मंत्री बनने का अवसर मिला। उनके खाते में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि जब भी भारत के नागरिक विदेशों में फंसते हैं तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीके सिंह को ही संकटमोचक की भूमिका में अपने नागरिकों को निकालकर भारत वापस भेजने की जिम्मेदारी सौंपती है। बावजूद इसके वीके सिंह भी जिले में गुटबाजी से दूर नहीं रह सके या यह कहा जा सकता है कि वे गुटबाजी में घिर गये। लोकसभा क्षेत्र के सभी विधायक एक तरह से उनके खिलाफ मोर्चा खोले रहते हैं। यह उनके विपरीत जा रहा है। हालांकि अपने वर्तमान कार्यकाल में उनकी सक्रियता में कोई कमी नहीं है।
जर्नल वीके सिंह के साथ ही इस सीट पर भाजपा के राष्टÑीय महासचिव एवं राजस्थान के प्रभारी अरुण सिंह का नाम भी दावेदारों में प्रमुखता से लिया जा रहा है। 2009 में जब भाजपा के तत्कालीन भाजपा के राष्टÑीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह गाजियाबाद से चुनाव लड़े थे तभी से अरुण सिंह गाजियाबाद के भाजपाइयों के लगातार संपर्क में है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि उन्होंने अपने खास लोगों को तैयारियों में जुट जाने का कहा है। इनके साथ ही भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिसौदिया का नाम भी चर्चा में है। बात यहीं तक समाप्त नहीं होती। कहा तो यह भी जा रहा है कि भाजपा किसी वैश्य को भी यहां से मैदान में उतार सकती है। हालांकि अगले दो से तीन दिन में प्रत्याशी का नाम घोषित होने की उम्मीद है। अब यह समय ही बतायेगा कि चुनावी अखाड़े के लायक भाजपा नेतृत्व किसे मानता है।
अब बात कांग्रेस की करें तो कांग्रेस से पार्टी की प्रवक्ता डॉली शर्मा के साथ ही सुशांत गोयल, संजीव शर्मा, पुष्पा रावत, पूर्व केंद्रीय मंत्री बीपी मौर्य की पुत्री के नाम प्रमुखता से लिये जा रहे हैं। सुशांत गोयल 2022 में गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। वे कांग्रेस के सभासद से लेकर सांसद तक रहे सुरेंद्र प्रकाश गोयल के पुत्र है। राजनीति सुशांत को विरासत में मिली है तथा अब वे भी अपने पिताजी के नक्शे कदम पर चलने का प्रयास कर रहे हैं। संजीव शर्मा कांग्रेस के पुराने और कर्मशील नेता माने जाते हैं। डॉली शर्मा पहले भी चुनाव लड़ चुकी है। सूत्रों की मानें तो वे टिकट का दावा तो अवश्य कर रही है, लेकिन उनकी नजर भविष्य में कांग्रेस में बड़ी राजनीति करने पर है।
बहुजन समाज पार्टी ने भी अब तक अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। यह संभव है कि वह कांग्रेस और भाजपा के बाद अपने पत्ते खोले।


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