- मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत बड़ी संख्या में पिछड़ी जातियों से जुड़े नागरिकों को प्रदान किए गए आवास
- मुसहर, कोल, वनटांगिया, बोक्सा और नट समेत कई पिछड़ी जातियों को आवास आवंटित
- दिव्यांग और दैवीय आपदा से प्रभावित लोग भी हुए लाभान्वित, कुष्ठ और कालाजार जैसी बीमारी से पीड़ितों को भी मिला लाभ
- 2018-19 से लेकर 2023-24 तक कुल 2.57 लाख आवासों का हुआ आवंटन
अथाह ब्यूरो लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश के गरीब और आवासविहीन लोगों के लिए आवास की व्यवस्था करने में पूरी तत्परता से जुटी हुई है। मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 2018-19 से लेकर 2023-24 तक कुल 2.57 लाख आवासों का हुआ आवंटन किया जा चुका है। खास बात ये है की योजना के अंतर्गत खासतौर पर पिछड़ी जातियों का विशेष ध्यान रखा गया है। बड़ी संख्या में मुसहर, कोल, वनटांगिया, थारू, सहरिया, चेरो, बैगा, नट और बोक्सा जातियों से जुड़े लोगों को आवास प्रदान किए गए हैं। इसके साथ ही दिव्यांग और दैवीय आपदा से प्रभावित लोगों को भी योजना का भरपूर लाभ मिला है, जबकि कुष्ठ रोग, कालाजार और जापानी इंसेफेलाइटिस/एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम जैसी बीमारियो से ग्रसित लोगो को भी आवास उपलब्ध कराए गए हैं।
इन्हें आवंटित किए गए आवास
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत सरकार ने 2018-19 से 2023-24 तक मुसहर जाति से जुड़े लोगों को 47,795 आवास, कोल को 29,923, वनटांगिया को 4,838, थारू को 3,233, सहरिया को 6,979, चेरो को 5,367, बैगा को 1,584, नट को 2,220, बोक्सा को 164, और पछइया लोहार को 17 व गढ़इया लोहार को 11 आवास प्रदान किए गए हैं। वहीं, 71,257 आवास दिव्यागंजन को प्रदान किए गए हैं तो दैवीय आपदा से अपना मकान गंवाने वालों को भी 78,101 आवास प्रदान किए गए हैं। इसके अलावा कुष्ठ रोग से पीड़ित 5,021, जेई/ एईएस को 674 और कालाजार पीड़ितों को 249 आवास आवंटित किए गए।
20 मार्च तक सभी जनपदों को लक्ष्य हासिल करने के निर्देश
मुख्यमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के तहत वर्ष 2018-19 से 2023-24 तक कुल 2,57,433 आवासों का आवंटन किया गया है। इसमें 2.57 लाख आवास निर्माण के लक्ष्य के सापेक्ष 2.27 लाख आवास पूर्ण भी कर लिए गए हैं, जबकि शेष 30,150 आवास निमार्णाधीन हैं। तय लक्ष्य को पूरा करने के लिए आवश्यक 3136.04 करोड़ रुपए की धनराशि भी सरकार की ओर से जारी कर दी गई है, जिसमें 2964.36 रुपए व्यय भी किए जा चुके हैं जो प्राप्त राशि का 94.52% है। संभावना है कि जल्द ही निमार्णाधीन आवासों को भी पूर्ण कर सरकार आवंटियों को घर की चाभी सौंप देगी। अमरोहा, शामली, बरेली, बिजनौर और भदोही जनपद लक्ष्य के सापेक्ष सर्वाधिक आवास पूर्ण करने वाले जनपदों में शीर्ष पर हैं। वहीं अन्य जनपदों को भी 20 मार्च तक लक्ष्य की प्राप्ति के निर्देश दिए गए हैं।
2018 में शुरू हुई योजना
मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण पूरी तरह राज्य सहायतित योजना है, जो 2 फरवरी, 2018 को प्रारम्भ की गई थी। इसके तहत वो लोग या परिवार योजना का लाभ लेने के पात्र हैं, जिन्होंने प्राकृतिक आपदा के कारण अपना घर गंवा दिया हो। इसके अलावा कालाजार से प्रभावित आवासविहीन परिवार, वनटंगिया एवं मुसहर, सहरिया, कोल, थारू, नट, चेरों, पछइया लोहार/ गढ़ज्या लोहार एवं बैगा (जनजाति), बोक्सा वर्ग एवं बंजारा (अन्य पिछड़ा वर्ग) के आवासविहीन परिवार और जेई/एईएस/कुष्ठ रोग से प्रभावित आवासविहीन परिवार एवं दिव्यांगजन परिवार भी पात्र श्रेणी में आते हैं। इसमें वो आवासविहीन परिवार भी आते हैं जो पात्र हैं, लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की पात्रता सूची में सम्मिलित होने से वंचित रह गए हैं। हालांकि वर्तमान में सरकार प्रथम चार श्रेणियों में ही आवास आंवटन कर रही है।