Railway ग्रुप सी के लिए 8 से 10 लाख ग्रुप डी के लिए 5 लाख पढ़े-लिखे बेरोजगारों को बनाते हैं शिकार।
सोबरन सिंह,गाजियाबाद । यूपी में ही नहीं पूरे देश में बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवाओं को नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वालों के अलग-अलग ठग गिरोह सक्रिय हैं। ऑनलाइन ठगी का कारोबार अलग से फल-फूल रहा है। बेरोजगार युवा ठगों के झांसे में जल्दी आ जाते हैं और जब वह अपने मां-बाप की जमा पूंजी गंवा बैठते हैं तो उनके पास सिवाय पछतावा व पुलिस के पास जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता। हाल ही में रेलवे(Railway) में नौकरी लगवाने के नाम पर 20 लाख ठगी का मामला उजागर हुआ तो ठगी की कुछ और परते खुली जिससे पता चला कि ठगों ने 20 लाख नहीं करोड़ों का गेम बजा डाला। विजय नगर क्षेत्र से ही दर्जनों युवकों से करोड़ों की ठगी की जा चुकी है।
इसका खुलासा खुद ठगी के आरोपियोंं ने किया। ठगी का तरीका एक जैसा है जिससे साबित होता है की ठगी में एक नहीं कई लोग शामिल हैं। पुलिस ने यदि शीघ्र ही ऐसे गिरोह पर शिकंजा ना कसा तो कई और बेरोजगार ठगों के जाल में फंस जाएंगे। सीएम व प्रमुख सचिव से संबंध बताकर Railway में नौकरी दिलाने के नाम पर विजय नगर क्षेत्र की चरण सिंह कॉलोनी निवासी सुरेश चंद गौतम के बेटे दीपक व भाई अरुण कुमार से 20 लाख की ठगी के आरोपी महेंद्र सिंह गैंग के झांसे में कई और युवाओं के आने का खुलासा हुआ है।
तीन युवक दीपचंद सौरभ व प्रदीप से भी रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर 19 लाख की ठगी की जा चुकी है जिसकी एफ आई आर 6 नवंबर 2018 को विजय नगर थाने में दर्ज कराई गई थी। जिसमें सत्यप्रकाश आशुतोष सतीश देवेंद्र कुमार अवनीश अनूप ओमवीर सहित दो अन्य के विरुद्ध धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ था।
आरोप था कि उक्त लोगों ने भी रेलवे विभाग के उच्चाधिकारियों से अच्छे संबंध बताकर ग्रुप सी के लिए 8 लाख व ग्रुप डी के लिए पांच लाख की बात की थी। दो लाख फार्म भरने व 2 लाख फिजिकल डॉक्टरी रिपोर्ट और शेष की रकम जॉइनिंग लेटर मिलने पर तीनों युवकों ने सत्य प्रकाश गैंग के झांसे में आकर फार्म भरने के समय 5 लाख रुपए दे दिए। 4 दिन बाद फिजिकल डॉक्टरी जांच के लिए बुलावा आया तीनों ने नई दिल्ली स्थित रेलवे हॉस्पिटल में जांच कराई।
उसके बाद जॉइनिंग लेटर आया जिसे लेकर दिल्ली स्थित कार्यालय में पहुंचे वहां सत्यप्रकाश आशुतोष देवेंद्र ने कागज जमा करवाएं और एक रजिस्टर पर साइन भी कराए उसके बाद गिरोह ने युवकों से 8 लाख रुपए लिए। कुल 19 लाख रुपए तीन युवकों से नौकरी के नाम पर लिए गए। महीनों बीत जाने पर जब जॉइनिंग डेट नहीं मिली तो युवक डीआरएम कार्यालय पहुंचे जहां अपने कागजात दिखाए तो बताया गया कि सभी कागज फर्जी हैं ठगी के शिकार लोग जब सत्य प्रकाश के घर गांव पहुंचे तो उन्हें मारपीट कर जान से मारने की धमकी देकर भगा दिया गया।
कमोवेश यही हाल दीपक व अरुण के साथ हुआ फार्म भरवाया गया डॉक्टरी कराई गई, जॉइनिंग लेटर आया, डीआरएम ऑफिस भी गए लेकिन नौकरी नहीं मिली। क्योंकि सब फर्जी था। सुरेश चंद ने जब महेंद्र सिंह को पैसे दिए तब उन्होंने वीडियो बना लिया था। उनका आरोप है कि पहले उनसे 30 लाख की डिमांड की थी लेकिन 20 लाख में बात तय हो गई जिन्हें किस्तों में अदा किया।
अब जब उन्होंने नौकरी ना लगने पर पैसे वापस मांगे तो उल्टा उन पर ही मारपीट का आरोप लगाया जा रहा है। सुरेश चंद ने सीएम से लेकर तमाम उच्चाधिकारियों से शिकायत कर ठगों के गैंग के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जिससे कोई और बेरोजगार ठगी का शिकार ना हो। दूसरी ओर महेंद्र सिंह व अमरपाल सिंह ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्होंने 29 नवंबर 2018 को एसएसपी से शिकायत की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी मुलाकात राज कुमार नामक युवक से हुई थी उसने रेलवे (Railway) में नौकरी लगवाने के लिए बताया कई लेटर भी दिखाएं जिससे वह विश्वास में आ गए और उन्होंने अपने कई साथियों को भी राजकुमार से मिलवाया राजकुमार ने बताया कि अनुराग त्रिपाठी उर्फ सतीश कुमार रेलवे में सहायक कार्मिक अधिकारी हैं और वह सी व डी ग्रुप में नौकरी लगाते हैं राजकुमार उन्हें लेकर बड़ौदा हाउस गए जहां अनुराग त्रिपाठी व उनकी पीए बबीता से मिलवाया।
उन्होंने ग्रुप सी का ग्रुप डी में नौकरी के लिए 8 लाख व 5 लाख में बात हो गई। अमर पाल का कहना है कि उन्होंने सत्यपाल कश्यप, महेंद्र सिंह के जरिए भतीजे धीरेंद्र भतीजी प्रीति सहित दर्जनों पहचान के युवकों से एक करोड़ 96 लाख रुपए राजकुमार द्वारा अनुराग त्रिपाठी, बबीता को 16 बार मे दिए पर नौकरी किसी की नहीं लगी। पैसे वापस मांगने पर उन्हें गाली गलौज व जान से मारने की धमकी दी गई। एक तरफ महेंद्र सिंह पूर्व में दी शिकायत में दीपक अरुण सहित कई युवकों से लाखों रुपए लेकर किसी और को देना स्वीकार कर रहे है दूसरी ओर सुरेश द्वारा पैसे मांगने पर गाली गलौज व कमेटी के पैसे होने का आरोप लगा रहे ।
शिकायत को दिए डेढ़ साल से ज्यादा हो गया आज तक ना किसी को नौकरी मिली और ना किसी का पैसा। महेंद्र सिंह ने लिखा है कि उनकी शिकायत पर 2018 में मुकदमा लिखा गया जबकि शिकायत 29 नवंबर को की गई और दीपचंद सौरभ द्वारा मुकदमा 6 नवंबर को लिखाया गया जिसमें दीपक व अरुण का जिक्र नहीं है और ना ही किसी अनुराग त्रिपाठी व बबीता राजकुमार का नाम है। इससे साबित होता है की ठगों का एक सक्रिय गिरोह है जो अलग अलग नाम से लोगों को अपने झांसे में लेकर पैसा ऐंठ रहा है।
सोबरन सिंह
वरिष्ठ पत्रकार
Railway