Dainik Athah

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विदाई के दौरान भाजपाइयों ने ‘चाय के प्याले’ में उठा दिया तूफान

  • गये थे मुख्यमंत्री को विदा करने, मुलाकात न होने पर भड़के
  • पूर्व संगठन महामंत्री एवं क्षेत्रीय उपाध्यक्ष को मिलकर आता देख भड़के थे भाजपाई

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद
। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विदाई के समय अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता जिनमें पूर्व जन प्रतिनिधि भी शामिल थे भड़क गये। एक दर्जन नेताओं ने मुख्यमंत्री को विदा करने में भी दूरी बनाई, साथ ही डीएम को चाय के पैसे भेजे, लेकिन उन्हें किसी ने लिया नहीं। इस मामले का संज्ञान पार्टी के साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी लिया है। एक प्रकार से कहा जाये तो भाजपाइयों ने ‘चाय के प्याले में तूफान’ लाने का प्रयास किया।
बता दें कि मुख्यमंत्री को रविवार को गौतमबुद्धनगर जाना था और वे इसके लिए शनिवार की शाम ही गाजियाबाद आ गये थे। मुख्यमंत्री के आगमन पर स्वागत करने के लिए जन प्रतिनिधियों एवं संगठन पदाधिकारियों को पास भी पुलिस ने महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा के पत्र पर जारी किये थे। चूंकि मुख्यमंत्री के पास समय था और उन्होंने स्वागत के लिए आये लोगों से बात करने के लिए उन्हें बुला लिया। इस दौरान करीब दो घंटे तक बैठक चली। इसके बाद मुख्यमंत्री को विदा करने के लिए सूची के अनुसार पुलिस ने पास बनाये और करीब 20 लोगों के पास बनाये गये। लेकिन मुख्यमंत्री से किसी की भेंट नहीं हो सकी। इस दौरान प्रशासन ने उन्हें चाय भी पिलाई।
जब मुख्यमंत्री जाने लगे तब पुलिस अधिकारियों ने नेताओं से कहा कि वे कतारबद्ध हो जायें जिस पर भाजपा नेता भड़क गये। उन्होंने कहा कि हम कतारबद्ध होने थोड़े ही आये हैं हम तो मुख्यमंत्री से मिलने आये थे। इस पर कहा गया कि उनका नाम मिलने वालों में नहीं विदाई करने वालों में है।
हंगामा होते देख पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा, डीएम राकेश कुमार सिंह और महानगर भाजपा अध्यक्ष संजीव शर्मा उन्हें मनाने गये, लेकिन वे मानने वाले कहां थे। उन्होंने जब कहा कि बुलाकर हमारी बेइज्जती की गई है तो डीएम ने कहा हमने तो आपको बैठाया और चाय भी दी, नाश्ता भी पूछा।
… और आ गया चाय के प्याले में तूफान
यह बात भाजपा नेताओं को इतनी चुभी कि उन्होंने एक लिफाफे में प्रति चाय 50 रुपये के हिसाब से 700 रुपये लिफाफे में रखकर एवं एक पत्र के साथ डीएम निवास पर भेजा, लेकिन किसी ने वह लिफाफा नहीं लिया। जो लिफाफा लेकर गया था वह उसे वापस लेकर चला गया। चाय के पैसे और लिफाफा भेजने वालों में पूर्व सांसद रमेश चंद तोमर, पूर्व विधायक रूप चौधरी, कृष्णवीर सिरोही, प्रशांत चौधरी, पूर्व महानगरअध्यक्ष अजय शर्मा, विजय मोहन, जीडीए बोर्ड सदस्य पवन गोयल, पूर्व पार्षद राजेंद्र त्यागी, अनिल स्वामी, वीरेश्वर त्यागी, पृथ्वी सिंह कसाना और सरदार एसपी सिंह थे।

पूर्व संगठन महामंत्री के साथ क्षेत्रीय उपाध्यक्ष को मिलते आते देखकर भड़के नेता
सूत्रों के अनुसार भाजपा के पूर्व प्रदेश संगठन महामंत्री एवं वर्तमान में आरएसएस के राष्टÑीय पदाधिकारी राकेश जैन ने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा था। उनके साथ क्षेत्रीय उपाध्यक्ष मयंक गोयल भी थे। उन्हें मिलकर आता देखकर भाजपा नेताओं को परेशानी हुई। इसके बाद ही उन्होंने हंगामा शुरू किया। मुख्यमंत्री से भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजा वर्मा भी अलग से मिले थे।

महानगर अध्यक्ष समेत चार लोगों ने दी मुख्यमंत्री को विदाई
हंगामे के बावजूद भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा, राजा वर्मा एवं भाजपा के दो मंडल अध्यक्षों ने मुख्यमंत्री को विदा किया।
भाजपा के महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा कहते हैं कि उन्होंने मुख्यमंत्री का स्वागत करने एवं विदा करने के लिए 20- 20 जन प्रतिनिधियों, संगठन पदाधिकारियों की सूची पुलिस उपायुक्त को दी थी। उसके अनुसार ही सभी को संदेश दिया गया था।
बहरहाल पूरे मामले की जानकारी लखनऊ तक पहुंच गई। मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ ही संगठन ने भी नेताओं के हंगामे को गंभीरता से लिया है। अब देखते हैं आगे क्या होगा। हालांकि रणनीति बनाने में कौन कौन थे इसको लेकर हंगामा करने वाले भी अपने नाम उजागर करने से खुद को बचा रहे हैं।


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