- नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने विधान सभा में अनुपूरक बजट पर की चर्चा
- वित्तीय वर्ष 2023-24 में किसानों को बिजली बिलों में मिल रही 100 प्रतिशत छूट
- निजी नलकूपों से मुफ्त सिंचाई हेतु छूट के लिए 900 करोड़ रुपये का प्राविधान
- ऊर्जा विभाग को 10095.53 करोड़ रुपये, नगर विकास विभाग को 1028 करोड़ रुपये का बजट प्राविधान
- परिवारवाद से आना, राजनीतिक परिवार से होना, राजनीतिज्ञ होने का पुख्ता प्रमाण नहीं
- मोदी ने राजनीति में परिवाद को खत्म करने का बीड़ा उठाया है: एके शर्मा
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। प्रदेश की योगी सरकार ने किसानों, गरीबों, पिछड़ों, दलितों, युवाओं को विकास की मुख्यधारा में लाने तथा राज्य के सर्वस्पर्शी एवं समावेशी विकास को गति देने के लिए 28760.67 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट का प्राविधान किया है। इस बजट में से 10095.53 करोड़ रुपये ऊर्जा विभाग तथा 1028 करोड़ रुपये नगर विकास विभाग को मिला है। नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने आज विधान सभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री को प्रदेश के लिए समावेशी एवं विकासोन्मुखी बजट देने हेतु बधाई दी तथा प्रदेश की जनता को बजट के लिए शुभकामनाएं भी दी।
नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ने अनुपूरक बजट में चर्चा के दौरान कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों के बिजली बिलों में 01 अप्रैल, 2023 से शतप्रतिशत छूट दे रही। इसके लिए किसानों को दी गई छूट में सब्सिडी हेतु 900 करोड़ रुपये दिए गए हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में भी 50 प्रतिशत की छूट बिजली बिलों में दी गई थी। विपक्षी जब सत्ता में थे उन्होंने किसानों को गुमराह करने एवं उनका भरोसा तोड़ने का ही कार्य किया। प्रदेश सरकार किसानों की आमदनी को दोगुनी करने के लिए कार्य कर रही है।
एके शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में प्रदेश वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की ओर अग्रसर है। इसी प्रकार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत देश एक विकसित राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा। योगी सरकार का यह अनुपूरक बजट देश को विकसित राष्ट्र बनाने में सहयोग करेगा। एके शर्मा ने विपक्ष के सदस्यों द्वारा किए गए कटाक्ष कि संघर्ष के बल पर मंत्री बने हैं, का जवाब देते हुए कहा कि गांव में रहकर प्राइमरी की पढ़ाई से लेकर यूपीएससी की परीक्षा पास करने तक एक लम्बा संघर्ष किया है। लेकिन विपक्ष ने भी सत्ता के दौरान बहुत संघर्ष किया है, जिसको परीक्षा पास कराना होता था, उसे पहले से ही चिन्हित कर लेते थे। इसी प्रकार विपक्ष द्वारा की गई टिप्पणी कि राजनीति में अभी कच्चे और नये होने की बात पर उन्होंने कहा कि बेशक मैं राजनीति में नया हूँ, कच्चा हूँ, पर अपने सदन के पुराने सदस्यों से बड़ी सहृदयता व विनम्रता से मिलता हूँ और सीखने का प्रयास भी करता हूँ। लेकिन राजनीति में पुख्ता होने की परिभाषा यह नहीं है कि आपको एक राजनीतिक परिवार से होना चाहिए, परिवाद से आना चाहिए, चार-चार पीढ़ियां राजनीति में रहीं हों। लेकिन आपको बता दूँ कि मोदी जी ने राजनीति में परिवाद को खत्म करने का बीड़ा उठाया हुआ है।