Dainik Athah

रिसीविंग सबस्टेशन और साहिबाबाद आरआरटीएस स्टेशन के लिए एनसीआरटीसी को मिली आईजीबीसी प्रोजेक्ट अवार्ड की सर्वोच्च, प्लेटिनम रेटिंग

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद
। एनसीआरटीसी को दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के बीच क्रियान्वित किए जा रहे भारत के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के गाजियाबाद रिसीविंग सबस्टेशन (आरएसएस) और साहिबाबाद आरआरटीएस स्टेशन के लिए प्रतिष्ठित ‘प्रोजेक्ट अवार्ड’ की सर्वोच्च रेटिंग, प्लेटिनम रेटिंग से सम्मानित किया गया है। यह प्लेटिनम रेटिंग इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) द्वारा चेन्नई में आयोजित ग्रीन बिल्डिंग कांग्रेस 2023 में दी गई। प्लेटिनम रेटिंग आईजीबीसी द्वारा दी जाने रेटिंग्स में सर्वोच्च रेटिंग है।

पर्यावरण संरक्षण की ओर कदम बढ़ाते हुए एनसीआरटीसी ने आरआरटीएस परियोजना के अंतर्गत कई पर्यावरण-अनुकूल पहल की हैं। इसी श्रृंखला में, डिपो, स्टेशन, रिसीविंग सबस्टेशन (आरएसएस) और आवासीय परिसरों सहित सभी प्रमुख प्रतिष्ठानों को आईजीबीसी के साथ पंजीकृत किया गया है, जो उच्चतम पर्यावरणीय स्थिरता मानकों को बनाए रखने के एनसीआरटीसी के मिशन के अनुकूल है। यह अवार्ड एनसीआरटीसी की स्थापना के बाद से ही सतत विकास के प्रति उसकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

परियोजना की संकल्पना से लेकर इसके कार्यान्वयन तक, एनसीआरटीसी निरंतर पर्यावरण-अनुकूल प्रक्रियाओं को अपनाता रहा है। प्री-डिज़ाइन चरण से शुरू होकर, निर्माण के प्रत्येक चरण में निम्न कार्बन उत्सर्जन को सुनिश्चित करना संस्था की प्राथमिकता रही है। फ्लाई ऐश ईंटों का उपयोग, कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन वेस्ट का प्रभावी निपटान, हवादार और आरामदायक बिल्डिंग इंटीरियर का निर्माण, ऊर्जा-कुशल डिजाइन, वर्षा जल संचयन प्रणालियों का कार्यान्वयन और सौर ऊर्जा का व्यापक उपयोग जैसी तमाम पहल, सतत विकास के प्रति एनसीआरटीसी की प्रतिबद्धता की उदाहरण हैं। साहिबाबाद और गाजियाबाद आरएसएस के साथ-साथ वायाडक्ट के नीचे के स्थान में विस्तृत लैंडस्केपिंग के प्रयास, उस समग्र दृष्टिकोण में योगदान करते हैं जो परियोजना के निर्माण और परिचालन चरणों के दौरान ऊर्जा की खपत और कार्बन फुटप्रिंट को काफी कम कर देता है।

एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि अपनी कुल ऊर्जा आवश्यकता का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा नवीकरणीय स्रोतों द्वारा पूरा किया जाए। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए संस्था ने एक सौर नीति अपनाई है, जिसका लक्ष्य स्टेशनों, डिपो और अन्य भवनों की छतों पर लगभग 11 मेगावाट की अधिकतम घरेलू सौर ऊर्जा उत्पन्न करना है। इसके अलावा, यह ट्रैक्शन उद्देश्यों के लिए नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए ऊर्जा मिश्रण को भी अनुकूलित करेगा।

आईजीबीसी द्वारा प्रदान की गई यह प्रतिष्ठित प्लेटिनम रेटिंग एनसीआरटीसी के सतत विकास के प्रति दृढ़ समर्पण को दिखाती है, जो वैश्विक पर्यावरण संरक्षण लक्ष्यों के अनुरूप हरित और सतत भविष्य बनाने की दिशा में एक माइलस्टोन है।

2001 में स्थापित, आईजीबीसी, सीआईआई का एक स्वायत्त गैर-लाभकारी निकाय है, जो सक्रिय रूप से सतत प्रयासों को प्रोत्साहित करता है और कार्बन उत्सर्जन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए कार्यरत है। सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय प्रक्रियाओँ का उपयोग करते हुए, आईजीबीसी कार्यालयों, इमारतों, कारखानों और मास रैपिड ट्रांसिट सिस्टम्स सहित विभिन्न श्रेणियों को रेटिंग प्रदान करता है, जिससे पर्यावरण संरक्षण में सहयोग मिलता है।

एनसीआरटीसी भारत में शहरी परिवहन में क्रांतिकारी बदलाव लाने के अपने दृष्टिकोण पर दृढ़ है और इस परिवर्तनकारी यात्रा के प्रमुख स्तंभों के रूप में सतत विकास और नवाचार पर जोर देता है

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