- योगी सरकार के निर्देश पर परिवहन निगम भी डिजिटलाइजेशन पर कर रहा फोकस
- निगम के डिजिटलाइजेशन से पेपरवर्क के साथ रेवन्यू में होगा इजाफा
अथाह ब्यूरो
लखनऊ योगी सरकार प्रदेश में डिजिटलाइजेशन पर लगातार जोर दे रही है। प्रदेश के ज्यादात्तर विभागों की कार्यप्रणाली को डिजिटल कर दिया गया है। ऐसे में, अब योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा सभी अनुबंधों को डिजिटल माध्यम से निष्पादित करने का फैसला किया है। इस उद्देश्य से परिवहन निगम ने आईओयूएक्स फर्म के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। मालूम हो कि अभी तक निगम द्वारा अनुबन्धों को भौतिक रूप से डॉक्यूमेंट्स तैयार करके पूर्ण किया जाता रहा है जिससे जटिल पेपरवर्क के कारण समय और रेवन्यू का नुकसान होता था। साथ ही, एकरूपता का भी अभाव रहता था। इसी विषमता को दूर करने व आधुनिक कार्यप्रणाली को अंगिकार करने के उद्देश्य से विभाग में डिजिटलाइजेशन की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जा रहा है।
निगम के डिजिटल होने से समय और खर्च में आएगी कमी
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम में अनुबन्धों के डिजिटल होने से इनकी समयबद्ध मॉनिटरिंग होगी। इससे निगम को होने वाले सभी प्रकार के नुकसान से बचाया जा सकता है। इस प्रक्रिया से सप्लायर्स द्वारा दी गई बैंक गारंटी, डॉक्यूमेंट्स की समाप्ति तिथि की चेकिंग, ड्राइवरों के ड्राइविंग लाइसेंस, कंडक्टर्स एवं अन्य कर्मचारियों के अन्य संबंधित डॉक्यूमेंट्स की एक्सपाइरी डेट की मॉनीटरिंग काफी आसान हो जाएगी। अभी तक इसके अभाव में निगम को काफी परेशानी होती थी। नये एमओयू से निगम को अपने सभी काम करने में आसानी होगी। साथ ही ड्राइवर/कंडक्टर एवं अन्य कर्मचारियों को कांट्रेक्ट आधार पर नियुक्ति, विभिन्न ढाबा, कैन्टीन, रेस्टोरेंट्स, बस स्टेशन पर स्थित दुकानें के अनुबंध, निगम में विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के साथ होने वाले अनुबन्ध, बसों एवं स्टाफ कार इत्यादि के अनुबन्ध के सभी लीगल एवं कामर्शियल कॉन्ट्रैक्ट्स को डिजिटल किया जाएगा। इससे न केवल पेपरवर्क में कमी आएगी बल्कि निगम के खर्च और समय की भी बचत होगी।