- जल्द ही जिले की 4 नगर निकायों का अस्तित्व हो सकता है समाप्त
- तीनों नगर पालिकाओं के साथ ही डासना नगर पंचायत भी हो सकती है नगर निगम का हिस्सा
- नगर विकास विभाग के साथ ही जिला प्रशासन भी जुटा तैयारियों में
अशोक ओझा
गाजियाबाद/ लखनऊ। गाजियाबाद जिले की खोड़ा मकनपुर के साथ ही लोनी नगर पालिका के गाजियाबाद नगर निगम में सम्मिलित होने के साथ ही मुरादनगर नगर पालिका एवं डासना नगर पंचायत का अस्तित्व भी समाप्त हो सकता है। नगर विकास विभाग एवं जिला प्रशासन इसकी तैयारियों में जुट गया है। यदि ऐसा होता है तो जिले की निकायों में विपक्षी दलों का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब नमो भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाने आये थे उससे पहले तैयारियों का निरीक्षण करने आये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले के अधिकारियों को खोड़ा मकनपुर एवं लोनी नगर पालिका परिषदों के गाजियाबाद नगर निगम में विलय संबंधी प्रस्ताव तैयार कर लखनऊ भेजने के निर्देश दिये थे। इसके बाद ही दोनों नगर पालिकाओं के साथ ही नगर निगम एवं जिला प्रशासन प्रस्ताव तैयार करने में जुट गये थे। सूत्रों की मानें तो लोनी एवं खोड़ा मकनपुर नगर पालिकाओं के गाजियाबाद नगर निगम में विलय संबंधी प्रस्ताव जिले से शासन को भेज दिये गये हैं। हालांकि इस मुद्दे पर जिले के अफसर चुप्पी साधे हुए हैं। प्रस्ताव भेजने की कोई पुष्टि नहीं कर रहा है। स्थानीय स्तर पर अभी यहीं कहा जा रहा है कि प्रस्ताव भेजा जाना है, इसमें कई बिंदुओं पर विचार हो रहा है।
शासन के सूत्रों की मानें तो खोड़ा मकनपुर एवं लोनी नगर पालिकाओं के गाजियाबाद नगर निगम में विलय के प्रस्तावों के बाद अब शासन ने मुरादनगर नगर पालिका एवं डासना नगर पंचायतों के भी गाजियाबाद नगर निगम में विलय करने का मन बना लिया है। सूत्रों के अनुसार उच्च स्तर पर इसकी अनुमति प्राप्त होने के बाद जिला प्रशासन से जल्द ही प्रस्ताव मांगे जायेंगे। इस प्रकार चारों नगर निकायों का अस्तित्व संकट में पड़ता नजर आ रहा है। हालांकि अभी शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता लोनी एवं खोड़ा है। लेकिन राजधानी के गलियारों में मुरादनगर नगर पालिका के साथ ही डासना नगर पंचायत के निगम में विलय की चर्चा तेजी से हो रही है। नगर विकास विभाग के सूत्र बताते हैं कि लोनी एवं खोड़ा के मुकाबले मुरादनगर नगर पालिका एवं डासना नगर पंचायत अधिक आसान है।
दूसरी तरफ शासन की तैयारियों के खिलाफ विरोधी पक्ष भी रणनीति बनाने में जुट गया है। सूत्रों की मानें तो इस मामले में वर्तमान नगर पालिका चेयरमैन अपने अपने वकीलों से सलाह भी कर रहे हैं। पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा कहते हैं कि खोड़ा में भाजपा नहीं जीती इसलिए विलय हो रहा है। यदि सरकार को विलय करना था तो चुनाव से पहले करना चाहिये था।