पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में करेंगे संगठन एवं दावेदारों की समीक्षा
इसके साथ ही दावेदारों एवं संगठन के कसेंगे पेंच
अशोक ओझा
नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की पूरी नजर उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर है। भाजपा इस बार पहले से ज्यादा सीटें जीतना चाहती है। यहीं कारण है कि केंद्रीय नेतृत्व के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उत्तर प्रदेश पर पैनी नजर रख रहे हैं। देश के पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों के बाद शाह की पूरी नजर उत्तर प्रदेश पर होगी। वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की समीक्षा से लोकसभा चुनावों का आगाज कर सकते हैं।
बता दें कि आगामी लोकसभा चुनावों में कोई भी सरकार बनने में उत्तर प्रदेश की भूमिका अहम होगी। यहीं कारण है कि भाजपा देश के सबसे बड़े और सबसे अधिक 80 सीटों वाले इस राज्य में कोई कोर कसर बाकि नहीं रखना चाहती। इसका पता इसी बात से लगता है कि पांच राज्यों के चुनावों के बीच ही भाजपा के राष्टÑीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश संगठन को लेकर पिछले दिनों बैठक की थी। संगठन और उत्तर प्रदेश प्रभारी के मुद्दे पर इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्याथ के साथ विशेष रूप से चर्चा हुई थी।
भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य रणतिकार एवं आज की आधुनिक राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उत्तर प्रदेश पर पूरी तरह से नजर गड़ा देंगे। इस दौरान वे जहां संगठन की नीचे के स्तर तक जाकर अर्थात क्षेत्र एवं जिला से लेकर बूथ और पन्ना प्रमुख तक के कामों की समीक्षा करेंगे, वहीं दूसरी तरफ लोकसभा सांसदों का फीड बैक भी लेंगे। हालांकि सांसदों का पूरा फीड बैक उनके पास हर समय ताजा रहता है। उन्हें कोई भ्रमित नहीं कर सकता कि फीड बैक गलत है। सांसदों के कामों और उनकी क्षेत्र में मौजूदगी के साथ ही उनकी छवि भी टिकट का आधार बनेगी। इसके साथ ही वे अन्य दावेदारों के संबंध में भी विचार विमर्श करेंगे।
भाजपा सूत्रों की मानें तो पांच राज्यों के चुनावों के बाद अमित शाह पश्चिमी उत्तर प्रदेश से शुरूआत कर सकते हैं। इसके बाद अन्य क्षेत्र उनके निशाने पर होंगे। पश्चिम की कई सीटों पर 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को मनमाफिक सीटें नहीं मिली थी। भाजपा वे सीटें भी हार गई गई थी जहां 2014 में उसे जीत हासिल हुई थी। इसको देखते हुए उनकी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बैठक काफी महत्वपूर्ण होगी। इसी बैठक से पूरे उत्तर प्रदेश का उनका एजेंडा भी तय हो जायेगा। यह भी बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव एवं 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में जीत दिलाने के असली रणनीतिकार भी अमित शाह ही थे।