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ब्राह्मण राष्ट्रीय पदाधिकारी हो सकता है भाजपा का उत्तर प्रदेश प्रभारी

भाजपा के उत्तर प्रदेश प्रभारी को लेकर दिल्ली में महामंथन

ब्राह्मण राष्टÑीय पदाधिकारी हो सकता है भाजपा का उत्तर प्रदेश प्रभारी

सुनील बंसल के नाम पर सीएम योगी की वीटो, केंद्र था पक्ष में

लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ी रणनीति बना रही भाजपा

मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी केंद्रीय नेतृत्व के साथ सीएम- भाजपा नेताओं की बैठक में विचार



अशोक ओझा
नयी दिल्ली।
भारतीय जनता पार्टी की नजर उत्तर प्रदेश में लोकसभा की सभी 80 सीटों पर है। भाजपा इस बार वोट प्रतिशत बढ़ाने के साथ ही पिछली बार से अधिक सीटें जीतने के प्रयास में जुट गई है। इसके लिए भाजपा उत्तर प्रदेश के प्रभारी को भी बदलने जा रही है। यदि पार्टी सूत्रों पर भरोसा करें तो इस बार केंद्र से किसी ब्राह्मण नेता को उत्तर प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। प्रभारी के रूप में राष्टÑीय महासचिव सुनील बंसल के नाम पर भी विचार हुआ, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस पर सहमत नहीं है।
बता दें कि भाजपा के सामने उत्तर प्रदेश जीतने की सबसे बड़ी चुनौती है, लेकिन जिस प्रकार विपक्षी गठबंधन चुनाव से पहले ही बिखरने लगा है उसे देखते हुए भाजपा नेतृत्व को लोकसभा चुनाव बड़ी चुनौती नजर नहीं आता। 2019 में भाजपा ने 80 में से 62 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद हुए उप चुनाव में भाजपा ने सपा से रामपुर और आजमगढ़ सीटें भी छीन ली थी। अब भाजपा उत्तर प्रदेश में अधिक से अधिक सीटें जीतने की रणनीति के साथ मैदान में उतरेगी। इसके लिए पार्टी ने कवायद शुरू कर दी है। इस क्रम में सबसे पहले पार्टी उत्तर प्रदेश के प्रभारी को बदलने की तैयारी में है। भाजपा उपाध्यक्ष एवं वर्तमान प्रभारी राधा मोहन सिंह को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनें लंबा समय हो चुका है। इसके साथ ही पार्टी चुनावी साल में कोई रिस्क लेने को तैयार नहीं है।
यहीं कारण है कि भाजपा नेतृत्व इस बार उत्तर प्रदेश में किसी ब्राह्मण को उत्तर प्रदेश के प्रभारी के रूप में भेजना चाहती है। इसके लिए मंथन भी चल रहा है। सूत्रों की मानें तो भाजपा नेतृत्व कुशल संगठनकर्ता सुनील बंसल को उत्तर प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी देना चाहता था, लेकिन उनके नाम पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहमत नजर नहीं आये। इसके बाद ही ब्राह्मण नेता को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया जा रहा है। आने वाले दिनों में इसकी घोषणा भी हो सकती है। इसके माध्यम से भाजपा ब्राह्मणों को साधने की तैयारी कर रही है। वह इसलिए कि ब्राह्मणों में कोई गलत संदेश न जाये। ब्राह्मण नेताओंं में एक महिला व एक पुरुष नेता के नाम पर विचार चल रहा है। लेकिन किसी पुरुष और दबाव में न आने वाले नेता को ही यह जिम्मेदारी दी जा सकती है जो सख्त भी हो। इनमें एक नाम राष्टÑीय उपाध्यक्ष सरोज पांडेय तो दूसरा नाम वेजयंत जय पांडा का है। पांडा उड़ीसा के बड़े उद्यमी है और संगठन राजनीति का भी उन्हें अच्छा अनुभव है। सरोज पांडेय भी संगठन की राजनीति में लंबे समय से है।
भाजपा सूत्रों के अनुसार दिल्ली में लगातार दो दिन से चल रही बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी चर्चा हुई है। विस्तार जल्द हो सकता है।
इसके साथ ही वर्तमान राजनीतिक हालात में भाजपा पिछड़ों को पूरी तरह से साधे रखना चाहती है। यहीं कारण है कि गुरुवार को हुई बैठक में पिछड़ों को लेकर रणनीति पर विचार हुआ। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह के साथ ही राष्टÑीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्टÑीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी भी मौजूद थे। इसके तहत ही यूपी भाजपा के पिछड़े चेहरों को बैठक में बुलाया गया था। हालांकि बैठक को लेकर खुलकर कोई कुछ बोल नहीं रहा है।


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