Dainik Athah

केंद्र- प्रदेश के संगठनकर्ताओं ने लोकसभा विस्तारकों को दिये चुनाव जीतने के टिप्स

  • भाजपा का लोकसभा चुनाव को लेकर प्रशिक्षण शुरू
  • कड़े अनुशासन के बीच आयोजित हो रहा है लोकसभा विस्तारकों का प्रशिक्षण
  • नौ राज्यों के 120 से ज्यादा लोकसभा विस्तारक ले रहे हैं प्रशिक्षण में भाग

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद
। भारतीय जनता पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनावों को जीतने के लिए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के बीच ही अपना काम तेजी से शुरू कर दिया है। इसके तहत नौ राज्यों के लोकसभा विस्तारकों का प्रशिक्षण शिविर भी सोमवार से गाजियाबाद में शुरू हो गया। इस प्रशिक्षण में चुनाव कैसे जीता जायेगा और हारी हुई सीटों को कैसे छीनना है यह टिप्स संगठनकर्ता दे रहे हैं।


सोमवार को गाजियाबाद के मोहननगर स्थित कृष्णा इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रशिक्षण वर्ग की शुरूआत भाजपा के राष्टÑीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने की। उनके साथ ही प्रशिक्षण में मुख्य रूप से राष्टÑीय संगठक वी सतीश, राष्टÑीय महामंत्री सुनील बंसल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह, पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रशिक्षण शिविर में भाग लिया तथा लोकसभा विस्तारकों का मार्ग दर्शन किया। केशव प्रसाद मौर्य देर शाम गाजियाबाद पहुंचे और वहां से सीधे प्रशिक्षण वर्ग में पहुंचे।
भाजपा सूत्रों के अनुसार दो दिवसीय इस प्रशिक्षण वर्ग में देश के नौ राज्यों उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, लद्दाख और दिल्ली के लोकसभा विस्तारक भाग ले रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि पहले दिन प्रशिक्षण वर्ग में दस सत्र हुए। इन सत्रों को संगठन के मंजे हुए नेताओं ने संबोधित किया। इस प्रशिक्षण वर्ग में उत्तर प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक एवं क्षेत्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिसौदिया ने पूरी कमान संभाली हुई है। जबकि गाजियाबाद महानगर के भाजपा कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों को व्यवस्था का जिम्मा सौंपा गया है।

पास धारकों को ही कॉलेज में प्रवेश
भाजपा लोकसभा विस्तारक प्रशिक्षण वर्ग की स्थिति यह है कि जिन कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों को व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है केवल उन्हें ही प्रवेश दिया जा रहा है, इसके अलावा लोकसभा विस्तारक एवं आमंत्रित वरिष्ठ नेताओं के अलावा किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। व्यवस्था में लगे कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी केवल उस क्षेत्र में ही रह सकते हैं जहां की उन्हें जिम्मेदारी दी गई है, इससे अलग घूमने की अनुमति भी किसी को नहीं है। यदि कोई जनप्रतिनिधि भी प्रशिक्षण वर्ग में जाना चाहे तो उसे भी अनुमति नहीं है और गेट से ही वापस लौटना पड़ रहा है।


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