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मंथन : बरसात ने खोल दी निगम- प्राधिकरण- प्रशासन की पोल!

मंथन

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गाजियाबाद में मौसम की पहली बरसात ने ही नगर निगम, जीडीए एवं प्रशासन की पोल खोल कर रख दी। गाजियाबाद में पिछले तीन दशक में ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी जो आज दिखाई दी। कलक्ट्रेट हो, एसएसपी दफ्तर हो नगर निगम कार्यालय के बाहर हो अथवा नगर आयुक्त का कैंप कार्यालय हो सभी जगह पर जल भराव की स्थिति थी।

नगर आयुक्त के कैंप कार्यालय पर जलभराव (फोटो : केशव ओझा )

गाजियाबाद का दिल कहे जाने वाले आरडीसी एवं साथ ही राजनगर जैसी पॉश कालोनी में जल भराव की स्थिति को देखते हुए कोई भी यह कह सकता है कि गाजियाबाद में नालों की सफाई केवल कागजों में हो रही है। नगर निगम जिसकी यह जिम्मेदारी है वह आंख बंद किये बैठा है। इसके साथ ही जिला प्रशासन की आंख भी अब तक इस मामले में नहीं खुली।

नगर आयुक्त के कैंप कार्यालय पर जलभराव (फोटो : केशव ओझा )

मोदीनगर से लेकर गाजियाबाद तक सभी स्थानों पर यह स्थिति नजर आई। मुरादनगर में तो रेपिड रेल का काम कोढ़ में खाज का काम कर रहा है। बगैर अतिरिक्त लेन बनाये सड़क को पूरी तरह से घेर लिया गया है।

जिस कारण मुरादनगर समेत मेरठ रोड पर अधिकांश स्थानों पर ठीक यहीं स्थिति है। इस बरसात ने यह भी बता दिया कि जिनके ऊपर शहर अथवा जिले की जिम्मेदारी है वे अधिकारी एवं जन प्रतिनिधि केवल एसी में बैठकर कर्त्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं। इसमें नगर निगम के पार्षद भी कम दोषी नहीं। यदि पार्षद भी जागरूक होते तो शायद आज जैसी स्थिति नहीं होती।

अब यह देखने का समय भी आ गया कि नालों व नालियों की सफाई पर कितने धन का अपव्यय हुआ है। यदि इस स्थिति के बावजूद अफसर, जन प्रतिनिधि सबक लें तो शायद आने वाले समय में इस दुर्दशा से बचा जा सकता है। इसके साथ ही महत्वपूर्ण यह भी है कि गौशाला अंडर पास हर बरसात में तालाब बन जाता है। लेकिन इसका समाधान भी आज तक नहीं निकाला जा सका है।

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