- शत्रु संपत्ति को लेकर दिल्ली में सांसद डा. सत्यपाल सिंह के कार्यालय पर हुई महत्वपूर्ण बैठक
- खसरा खतौनी में नाम चढ़ने के बाद नियमानुसार हो जांच
- किसी के साथ अन्याय नहीं होगा, सभी को मिलेगा न्याय: सांसद
- बैठक में जिलाधिकारी गाजियाबाद, गृह मंत्रालय के अधिकारी और कस्टोडियन भी रहे उपस्थित
अथाह संवाददाता
मोदीनगर। शत्रु संपत्ति मामले में प्रभावितों के लगातार चल रहे आंदोलन के मद्देनजर बागपत- मोदीनगर सासंद डा. सत्यपाल सिंह ने इस मामले में पहल की है। उन्होंने आंदोलन कर रहे लोगों की कमेटी, गृह मंत्रालय के अधिकारियों एवं कस्टोडियन के अधिकारियों के साथ ही जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के साथ बैठक की। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जायेगा तथा सभी को न्याय मिलेगा।
सोमवार को सांसद डा. सत्यपाल सिंह ने दिल्ली स्थित अपने कार्यालय पर मोदीनगर शत्रु सम्पत्ति से संबंधित अधिकारियों व संघर्ष समिति के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की लगभग दो घंटे वार्ता चली वार्ता के बाद सांसद डा. सत्यपाल सिंह ने निष्कर्ष निकाल कर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह से कहा कि सबसे पहले उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश का पालन करते हुए शत्रु सम्पत्ति से पीड़ित सभी का नाम पूर्व की भांति खसरा खतौनी में चढ़ाना सुनिश्चित करें एवं उसके बाद नियमानुसार जाच कराएं ।
सांसद ने मोदीनगर से गए प्रतिनिधिमंडल को यह पूर्ण रूप से आश्वासन दिया कि किसी के साथ अन्याय नहीं होगा और सभी को न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि पूर्व में रहे अधिकारियों के द्वारा बिना जाच कराएं गलत तरीके से आपकी जमीनों को शत्रु संपत्ति में दर्ज कराया गया है, उन खसरा खतौनीयो में आपके नाम अति शीघ्र वापस चढ़ावे जाएंगे। बैठक में आंदोलन का नेतृत्व कर रहे डा. बबली गुर्जर, कालू सिंह चेयरमैन, राहुल गुर्जर, नवाब अली, अनिरुद्ध, देवी शरण शर्मा, अजय महेश्वरी के साथ ही जिलाधिकारी गाजियाबाद राकेश कुमार सिंह, गृह मंत्रालय व कस्टोडियन के जॉइंट सेक्रेटरी अनंत किशोर सरण, कस्टोडियन के चीफ राहुल नागरे, संजय शाह सुपरवाइजर अनिमे प्रॉपर्टी व सांसद प्रतिनिधि विनोद गोस्वामी मोदीनगर रहे। विनोद गौस्वामी ने कहा कि सौहार्द पूर्ण वातावरण में सभी पक्षों के बीच वार्ता हुई है तथा जल्द ही समस्या का समाधान हो जायेगा।
दूसरी तरफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे डा. बबली गुर्जर ने बयान जारी कर कहा कि वार्ता में कोई निष्कर्ष नहीं निकला, केवल आश्वासन दिया गया है। उनका आंदोलन जारी रहेगा।