इस वर्ष भगवान गणेश महोत्सव 19 सितंबर से आरंभ होगा, जो 28 सितंबर अनंत चतुर्दशी तक चलेगा.गणेश उत्सव के आरंभ के दिन बहुत से व्यक्ति अपने घरों में गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित करते हैं। उनका आह्वान करते हैं और गणेश जी की मूर्ति को घर में विराजमान करते हैं।गणेश जी को विराजमान करने के लिए बहुत से लोग 2 दिन,3 दिन, 5 दिन, 7 दिन 9 दिन और अधिकतम 10 दिन तक अपने घर में उनको विराजमान करके नियमित भोग ,पूजा ,अर्चना, कीर्तन आदि करते हैं। कहते हैं कि भगवान गणेश जी उनकी सेवा से प्रसन्न होकर में आशीर्वाद देते हैं ।गणेश जी रिद्धि, सिद्धि और शुभ ,लाभ के स्वामी हैं उनकी पूजा अर्चना करने से घर में नियमित वृद्धि होती है। क्लेश की निवृत्ति होती है । सुख साधन बढ़ते हैं और आय के साधन बढ़ते हैं।*गणेश जी को घर में विराजमान करने के नियम* सर्वप्रथम प्रातःकाल स्नान करके संकल्प करें कि मैं गणेश जी की स्थापना 2 दिन, 3 दिन, 5 दिन 7 दिन, 9 दिन आदि दिनों के लिए करूंगा। गणेश जी को पूर्ण श्रद्धा के साथ शुभ मुहूर्त घर में प्रवेश कराएं।शुक्ल पक्ष की चतुर्थी गणेश चतुर्थी महोत्सव उदयकालीन तिथि चतुर्थी में 19 सितंबर को ही मनाया जाएगा।इस दिन स्वाति नक्षत्र 13:47 बजे तक है।मंगलवार को स्वाति नक्षत्र होने से केतु योग बनता है। केतु कहते हैं पताका, ध्वज को अर्थात कीर्ति योग बनता है।यद्यपि चतुर्थी तिथि 18 सितंबर को 12:07 बजे आ जाएगी। किंतु उदयकाल तिथि में 19 सितंबर को ही इस पर्व को मनाया जाएगा।
गणेश स्थापना के शुभ मुहूर्त
प्रातः काल सूर्योदय से लेकर के कन्या, तुला ,वृश्चिक लग्न में अर्थात 12 53 बजे तक गणेश विराजमान करने के अच्छे मुहूर्त हैं।इसमें भी मध्याह्न 11:36 से 12:24 बजे तक अभिजीत मुहूर्त में स्थापना बहुत ही शुभ रहने वाली है।उसके पश्चात 13: 45 बजे से 15:00 बजे तक अच्छा मुहूर्त है। 3:00 बजे से 4:30 बजे तक राहुकाल है उसको उसे समय में गणेश जी की स्थापना ना करें। 4:30 बजे के बाद शाम तक कभी भी स्थापना कर सकते हैं।। क्योंकि 13:47 बजे से विशाखा नक्षत्र जाएगा और मंगलवार को विशाखा नक्षत्र होने से बनता है श्री वत्स योग।अर्थात 19 सितंबर को केतु (कीर्ति) और श्रीवत्स योग में भगवान गणेश जी को स्थापित करें और जितने दिन के लिए आप लाए हैं, इतने दिन के बाद उनको धूमधाम से विसर्जित कर दें।
आचार्य शिवकुमार शर्मा, आध्यात्मिक गुरु एवं ज्योतिषाचार्य गाजियाबाद