Dainik Athah

गोपालकों की आय बढ़ाने में जुटी योगी सरकार

  • कृत्रिम गभार्धान में लिंग वगीर्कृत सीमेन के इस्तेमाल को दिया जा रहा बढ़ावा
  • इससे 90 फीसद बछिया ही पैदा होने की संभावना
  • कृत्रिम गभार्धान का शुल्क 300 से घटाकर 100 रुपये किया गया
  • प्रतिवर्ष दूध उत्पादन में 15 फीसद इजाफा करने की तैयारी

अथाह संवाददाता
गोरखपुर।
गोवंश का संरक्षण व संवर्धन तथा गोपालकों की आय में वृद्धि करते हुए दूध उत्पादन के क्षेत्र में यूपी को सिरमौर बनाना योगी सरकार के लिए प्राथमिकता का विषय है। दूध उत्पादन तथा गोपालकों की आय में वृद्धि के लिए सरकार लिंग वगीर्कृत सीमन से पशुओं का गभार्धान कराने पर विशेष जोर दे रही है।

लिंग वगीर्कृत सीमेन के प्रयोग से 90 फीसद उत्कृष्ट बछिया ही उत्पन्न होने की संभावना होती है। इस आधार पर अनुमान लगाया जाता है कि इससे पशुपालक को प्रतिवर्ष दुग्ध उत्पादन में 15 प्रतिशत बढ़ोतरी होगी। साथ ही निराश्रित गोवंश की संख्या में 40 फीसद तक कमी आएगी। दो माह के अंदर गर्भ परीक्षण कर पशुपालक द्वारा पूरी ब्यात का 20 से 25 प्रतिशत दूध बढ़ाया जा सकता है। वर्तमान में वगीर्कृत सीमेन से किए जाने वाले कृत्रिम गभार्धान का शुल्क 300 से घटाकर 100 रुपये कर दिया गया है। वगीर्कृत सीमेन से उन्नत नस्ल की बछिया आएंगी जो जल्दी गाभिन होंगी। परिणामस्वरूप दूध उत्पादन में वृद्धि होगी। यही नहीं, कृत्रिम गभार्धान कार्यकर्ता द्वारा भारत पशुधन एप पर समयवद्ध प्रविष्टि करने पर 250 से लेकर 350 रुपये तक प्रति संतति प्रोत्साहन राशि भी मिलती है।

उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी (प्रभारी) गोरखपुर मुख्यालय, डॉ. संजय श्रीवास्तव बताते हैं कि प्रदेश सरकार राज्य में गायों की संख्या बढ़ाने को लेकर काम कर रही है। साथ ही गोवंश के नस्ल सुधार को लेकर भी प्रयास जारी हैं। इन दोनों लक्ष्यों को हासिल करने के लिए लिंग वगीर्कृत सीमेन से कृत्रिम गभार्धान को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे 100 रुपये के खर्च पर बछ?िया के जन्म की गारंटी के साथ ही गोवंश के नस्ल को भी सुधारा जा सकता है। लिंग वगीर्कृत सीमेन के माध्यम से पशुओं के वीर्य से नर शुक्राणुओं को अलग कर लिया जाता है, जिससे यह सुनिश्चित हो जाता है कि बछिया ही पैदा होगी।

जाहिर सी बात है कि बछिया अधिक होने पर दूध उत्पादन बढ़ेगा और नर गोवंश जो बाद में छुट्टा अवस्था में आ जाते हैं, उनकी संख्या कम होने से उनके प्रबंधन की समस्या कम होगी। डॉ. संजय श्रीवास्तव के अनुसार 1 अप्रैल से 31 जुलाई तक गोरखपुर मंडल में कुल 4561 गायों का लिंग वगीर्कृत सीमेन से कृत्रिम गभार्धान कराया गया है। गोरखपुर में 1657, देवरिया में 1154, कुशीनगर में 1088 व महराजगंज में 662 गायें शामिल हैं। इन गायों में से जिनका प्रसवकाल पूरा हो गया है, उनसे अब तक जो संतति पैदा हुई है उसमें 90 प्रतिशत बछिया हैं।


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