- न्यूज एजेंसी के पॉडकास्ट में बेबाकी से बोले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
- ज्ञानवापी मुद्दे पर बोले- मस्जिद कहेंगे तो फिर विवाद होगा
- विपक्षी गठबंधन पर रहे हमलावर, बोले- चोला बदलने से पिछले कर्मों से मुक्ति नहीं मिल जाएगी
- इसे इंडिया न बोलें-यह डॉट डॉट डॉट डॉट ग्रुप है
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। मुख्यमंत्री व गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ सोमवार को एक समाचार एजेंसी के पॉ़डकास्ट में ज्ञानवापी मुद्दे पर खुलकर बोले। उन्होंने साफगोई से कहा कि यह मुस्लिम समाज की ऐतिहासिक गलती है। अब इसका समाधान होना चाहिए। वहीं विपक्षी दलों के गठबंधन पर भी प्रहार करने से योगी आदित्यनाथ नहीं चूके। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इसे इंडिया नहीं बोलना चाहिए, यह डॉट डॉट डॉट डॉट ग्रुप है।
मस्जिद कहेंगे तो फिर विवाद होगा
पॉडकास्ट में ज्ञानवापी मुद्दे पर पूछे गए सवाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफगोई से उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि हम उसे मस्जिद कहेंगे तो फिर विवाद होगा। भगवान ने जिसे दृष्टि दी है, वह देखे। मस्जिद के अंदर त्रिशूल क्या कर रहा है। हमने तो नहीं रखे हैं न। ज्योतिर्लिंग हैं, देव प्रतिमाएं हैं। पूरी दीवारें चिल्ला-चिल्लाकर क्या कह रही हैं। मुझे लगता है कि ये प्रस्ताव मुस्लिम समाज की तरफ से आना चाहिए कि ऐतिहासिक गलती हुई है। उस गलती के लिए हम चाहते हैं कि उसका समाधान हो।
चोला बदलने से पिछले कर्मों से मुक्ति नहीं मिल जाएगी
सीएम योगी आदित्यनाथ बातचीत में विपक्षी गठबंधन पर भी हमलावर रहे। उन्होंने कहा कि इसे इंडिया नहीं बोलना चाहिए। आई डॉट, एन डॉट, डी डॉट, यह डॉट डॉट डॉट डॉट ग्रुप है। चोला बदलने से पिछले कर्मों से मुक्ति नहीं मिल जाएगी। जनता तो पुराने करामातों को देख रही है, वह करामात यूपीए, कांग्रेस, सपा, आम आदमी पार्टी का हो या तृणमूल कांग्रेस का। इन लोगों ने क्या गदर मचा रखी है। सबकी एक जैसी स्थिति है। यह लोग चोला बदलकर देश को भ्रमित करना चाहते हैं पर देश की जनता लोकतांत्रिक दृष्टि से बहुत परिपक्व है।
टीम इंडिया के कैप्टन के रूप में देश को नेतृत्व दे रहे पीएम मोदी
एक सवाल के रूप में सीएम योगी ने कहा कि नरेंद्र मोदी हमारे व टीम इंडिया के कैप्टन हैं। वे देश को नेतृत्व दे रहे हैं। भाजपा से जुड़े हमारे सभी गठबंधन दलों ने उन्हें एक नेता के रूप में माना है। जातिवाद, परिवारवाद से सामाजिक न्याय नहीं आएगा। हमारा ध्येय रहा है कि गरीब को न्याय, मकान, राशन, स्वास्थ्य, युवा को रोजगार मिले, किसान के जीवन में खुशहाली आए। महिला को सुरक्षा के साथ जीने का अधिकार मिले।