- रक्षा विभाग की जमीन की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री के मामले का प्रशासन की ताबड़तोड़ कार्यवाही
- एसडीएम की जांच में सामने आया फजीर्वाड़ा, सब रजिस्ट्रार पंचम ने सिहानीगेट थाने में दर्ज करवाई रिपोर्ट
- डीएम ने कहा किसी भी हालत में बख्शे नहीं जायेंगे भू माफिया
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। विजय नगर क्षेत्र में खसरा संख्या 529 की आड़ में बेची गई जमीन के मामले को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। एसडीएम विनय कुमार सिंह ने मामले की गहनता से पड़ताल की तो रजिस्ट्री में फजीर्वाड़ा उजागर हुआ। एसडीएम की जांच के बाद सब रजिस्ट्रार पंचम ने इस मामले में जमीन खरीदने वाले, बेचने वाले समेत दो गवाहों के खिलाफ सिहानीगेट थाने में गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करवाई है।
बता दें कि दैनिक अथाह ने 26 जून के अंक में ‘करोड़ों में हो गया रक्षा संपदा की 22 बीघा जमीन का सौदा’ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर बताया था कि खसरा संख्या 529 की आड़ में रक्षा संपदा की करीब 18710 वर्ग मीटर जमीन कब्जाए जाने की साजिश है। जिसमें विक्रेता ने खसरा संख्या 529 की भूमि खाली दर्शा कर 10.50 करोड़ में बेची जबकि 529 में आबादी है जिसे कोई नही बेच सकता। एसडीएम सदर विनय कुमार सिंह ने दैनिक अथाह की खबर का संज्ञान लेते हुए खसरा संख्या 529 में करीब 18710 वर्ग मीटर जमीन को साढ़े 10 करोड़ में बेचे जाने की पड़ताल की, जांच में पता चला कि जमीन बेचने वाले ने रजिस्ट्री में जो पता लिखा वह वहां रहता ही नहीं है।
जांच में सामने आया कि वह मकान 10 वर्ष पहले बेचा जा चुका है। विक्रेता कहां रहता है इसकी तलाश की जा रही है। जांच के दौरान यह भी प्रशासन को पता चला है कि विक्रेता की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। इसके साथ ही जांच में सामने आया कि खसरा संख्या 529 आबादी है जबकि रजिस्ट्री में जमीन को खाली दशार्या गया है। छानबीन में पता चला कि बेचने वाला गरीब है कहीं ऐसा तो नहीं कि किसी ने उसके नाम का गलत इस्तेमाल किया हो। साढ़े 10 करोड़ की रकम फरीदाबाद के जिस फाइनेंस बैंक से एनईएफटी, आरटीजीएस की गई उसकी भी जांच की जा रही है। रजिस्ट्री के बदले में बैंक ने इतनी मोटी रकम का लोन किस आधार पर कर दिया इसमें बैंक कर्मियों की मिलीभगत होने का संदेह है। प्रशासन ने करोड़ों रुपए में किए गए जमीन के सौदे के मामले को बेहद गंभीरता से लिया है और कहा है कि इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले में बुधवार को देर शाम सब रजिस्ट्रार पंचम नवीन राय ने थाना सिहानीगेट में जमीन खरीदने वाली मैसर्स सैमटेक कंपनी के समीर मलिक, विक्रेता मजीद, गवाह ओमपाल और नीरज गर्ग के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468 एवं 471 के तहत रिपोर्ट दर्ज करवाई है। इस मामले में तहसीलदार सदर गाजियाबाद की जांच आख्या के आधार पर एडीएम वित्त एवं राजस्व ने आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा स्थलीय निरीक्षण में पाया गया कि जिन जमीन की रजिस्ट्री खसरा नंबर 529 की करवाई गई। इस जमीन पर घनी आबादी है। क्रेता, विक्रेता और गवाहों द्वारा जिस जमीन को रिक्त दर्शाया गया है रक्षा विभाग की खाली जमीन है। इसके साथ ही कहा गया कि जमीन का बैनामा रक्षा विभाग की जमीन पर अनाधिकृत कब्जा करने की नीयत से किया गया है।
इस प्रकरण की जांच में यह सामने आया कि जमीन की जो खरीद फरोख्त की गई है वह रक्षा विभाग की जमीन पर अवैध कब्जे की नीयत से किया गया है। इसके साथ ही इस मामले में पुलिस जांच में कई अन्य तथ्य सामने आ सकते हैं।
विनय कुमार सिंह, एसडीएम सदर गाजियाबाद
एसडीएम सदर विनय कुमार सिंह इस पूरे प्रकरण की गहनता से जांच की है। इसमें बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। प्रकरण में सब रजिस्ट्रार पंचम ने इस मामले में थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई है। इस मामले में दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जायेगा तथा कठोरतम कार्यवाही की जायेगी। इस मामले में पुलिस कर कोण से जांच करेगी।