Dainik Athah

दिल्ली- गाजिÞयाबाद- मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के दिल्ली सेक्शन में टनलिंग का कार्य पूर्ण

  • दिल्ली सेक्शन में टनलिंग करना एक जटिल और चुनौतीपूर्ण कार्य था
  • एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि 2025 तक पूरे 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजिÞयाबाद-मेरठ को जनता के लिए परिचालित कर दिया जाए

    अथाह संवाददाता
    गाजियाबाद।
    एनसीआरटीसी ने दिल्ली- गाजिÞयाबाद- मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के दिल्ली सेक्शन में टनलिंग का काम पूरा कर एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इसके साथ ही दिल्ली में भूमिगत खंड का निर्माण अगले चरण में प्रवेश कर गया है। जल्द ही टनल के अंदर ट्रैक बिछाने और ओएचई इंस्टॉल करने का काम आरंभ किया जाएगा।
    गत वर्ष, फरवरी 2022 में सुदर्शन 4.1 (टीबीएम) ने आनंद विहार से न्यू अशोक नगर की ओर के टनलिंग कार्य की शुरूआत की थी जिसके साथ दिल्ली में भूमिगत खंड का निर्माण आरंभ हुआ था। इसके बाद, सुदर्शन 4.2 को इसकी समानांतर टनल बनाने के लिए अप्रैल 2022 में लॉन्च किया गया। ये समानांतर टनलें किसी भी टनल बोरिंग मशीन द्वारा बनाई गई दिल्ली की सबसे लंबी टनल हैं जिनमें प्रत्येक की लंबाई लगभग तीन किलोमीटर है।
    टीम एनसीआरटीसी के अनवरत प्रयासों और दिन-रात हो रहे निर्माण के साथ, सुदर्शन 4.1 ने महज लगभग एक साल के समय में टनलिंग का काम पूरा कर अप्रैल 2023 में दिल्ली के खिचड़ीपुर में निर्मित टनल रिट्रीवल शाफ्ट से ब्रेकथ्रू किया। इसी के समानांतर दूसरी टनल बोरिंग मशीन 4.2 ने भी टनल निर्माण पूरा कर हाल ही में टनल ब्रेकथ्रू किया, जिसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली- मेरठ कॉरिडोर के लिए भूमिगत खंड में टनलिंग का काम पूरा हो गया।
    इन दोनों सुदर्शन के अलावा, क्रमश: जून और अक्टूबर 2022 में दिल्ली-गाजिÞयाबाद सेक्शन के लिए साहिबाबाद रैपिडएक्स स्टेशन की ओर दो किमी लंबी समानांतर टनल बनाने के लिए आनंद विहार से दो और सुदर्शन, 4.3 और 4.4 को भी लॉन्च किया गया था। इनमें से एक, सुदर्शन 4.3 ने मई 2023 में वैशाली मेट्रो स्टेशन के पास बनाए गए रिट्रीवल शाफ्ट से ब्रेकथ्रू किया है। अन्य टीबीएम, सुदर्शन 4.4 ने भी टनल बनाने का लगभग 75 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है और जल्द ही सुरंग बनाने का कार्य पूर्ण कर लेगी।
    आरआरटीएस टनलों का व्यास 6.5 मीटर है जो 180 किमी प्रति घंटे की समान डिजाइन गति के साथ चौड़े एवं ऊँचे रोलिंग स्टॉक के लिए निर्मित टनलों के वैश्विक बेंचमार्क की तुलना में काफी अनुकूलित है।
    दिल्ली सेक्शन में टनलिंग करना एक जटिल और चुनौतीपूर्ण कार्य था। न्यू अशोक नगर की ओर आगे बढ़ते हुए यह भूमिगत टनल मौजूदा मेट्रो स्टेशन के पाइलिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के अलावा एक्सप्रेस-वे और पटपड़गंज तथा खिचड़ीपुर के नॉन-इंजीनियर्ड भवनों के बहुत करीब से गुजर रही है। एनसीआरटीसी ने रणनीतिक योजना और नवोन्मेषी तरीकों द्वारा इन सभी चुनौतियों का सामना करते हुए इसके निर्माण को सफलतापूर्वक संभव बनाया।
    इन टनलों के निर्माण के लिए, हाई-प्रीसीशन वाले प्री-कास्ट टनल सेगमेंट्स का उपयोग किया गया है जो टनल का लंबा जीवन-काल सुनिश्चित करेगा। दिल्ली सेक्शन के टनल सेगमेंट्स की कास्टिंग दिल्ली के कड़कड़डूमा में स्थापित एनसीआरटीसी के कास्टिंग यार्ड में पूरी गुणवत्ता जांच के साथ की जा रही है।
    एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि 2025 तक पूरे 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजिÞयाबाद-मेरठ को जनता के लिए परिचालित कर दिया जाए। इससे पहले, जल्द ही साहिबाबाद और दुहाई के बीच 17 किलोमीटर लंबे प्रायोरिटी सेक्शन को निर्धारित समय से पहले ही परिचालित कर दिया जाएगा।

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