


- विधायक अजीत पाल त्यागी के पिता पूर्व मंत्री राजपाल त्यागी को पउप्र के लोगों- जन प्रतिनिधियों ने दी नम आंखों से श्रद्घांजलि
- पूर्व मंत्री राजपाल त्यागी का पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
- मुरादनगर से 6 बार विधायक, प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार, दो बार रहे कैबिनेट मंत्री
- निर्दलीय भी जीते चुनाव, राम लहर में कांग्रेस के गाजियाबाद से देहरादून तक अकेले विधायक चुने गये


अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद के विकास पुरूष कहे जाने वाले मुरादनगर विधायक अजीत पाल त्यागी के पिता पूर्व मंत्री राजपाल त्यागी का लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार को निधन हो गया, वे 78 वर्ष के थे। उनके निधन के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई। पश्चिम के साथ ही दिल्ली तक से उनके चाहने वाले गाजियाबाद पहुंचे और अपने प्रिय नेता को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। उनका पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।


राजपाल त्यागी लंबे समय से बीमार चल रहे और एक निजी अस्पताल में उनका ईलाज चल रहा था। उन्होंने गुरूवार की रात अंतिम सांस ली। उनके निधन का समाचार मुरादनगर के साथ ही पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तेजी से पहुंचा और लोगों का तां तां उनके लोहियानगर स्थित आवास पर लगने लगा। उनके विधायक पुत्र अजीत पाल त्यागी छोटे बेटे के पास लंदन गये थे। उन्हें जैसे ही पता चला वे तत्काल गाजियाबाद के लिए चल दिये। शाम करीब चार बजे के बाद उनका अंतिम संस्कार हिंडन नदी के तट पर स्थित मोक्षस्थली पर किया गया। मुखाग्नि उनके पौत्र मोहित त्यागी ने दी। इस मौके पर बड़े पुत्र गिरीश त्यागी, छोटे पुत्र विधायक अजीत पाल त्यागी, भाई यशपाल त्यागी, भतीजे राजीव त्यागी, अभिषेक त्यागी, पौत्र रोहित, अर्नव और आदित्य त्यागी समेत हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे। अंतिम संस्कार से पहले पुलिस गार्द ने पूर्व मंत्री को सलामी दी।


इनमें प्रमुख रूप से प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा, सांसद अतुल गर्ग, गौतमबुद्धनगर सांसद डा. महेश शर्मा, बागपत सांसद राजकुमार सांगवान, पूर्व सांसद केसी त्यागी, महापौर सुनीता दयाल, विधायक नंद किशोर गुर्जर, संजीव शर्मा, एमएलसी दिनेश गोयल, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अवनीश त्यागी,यशोदा मेडिसिटी के चेयरमैन डा. पीएन अरोड़ा, पूर्व विधायक सुरेंंद्र कुमार मुन्नी, राम नरेश रावत, रूप चौधरी, कृष्ण वीर सिरोही, पूर्व मंत्री बालेश्वर त्यागी, सतीश शर्मा समेत अन्य लोग उपस्थित थे।


स्व. राजपाल त्यागी का जीवन परिचय
6 बार विधायक, एक बार राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार, 2 बार रहे कैबिनेट मंत्री
बागपत जिले के गांव मुकारी में 10 जनवरी 1947 को किसान परशुराम त्यागी के घर जन्मे राजपाल त्यागी ने मेरठ से एलएलबी की शिक्षा ग्रहण की थी। इसके बाद उन्होंने गाजियाबाद को अपना कार्य क्षेत्र बना लिया। वे 1975-76 में गाजियाबाद बार एसोसिएशन के सचिव तथा बाद में अध्यक्ष भी रहे। कांग्रेस में विभिन्न पदों पर रहने के बाद राजपाल त्यागी 1980 से 1988 तक जिला कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। वह समय ऐसा था जब जिले में मंत्रियों, विधायकों और सांसद से भी बड़ा नाम राजपाल त्यागी का हुआ करता था।

राजपाल त्यागी ने 1989 के विधानसभा चुनाव में कांगे्रस से मुरादनगर विधानसभा से टिकट मांगा, लेकिन टिकट न मिलने पर बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़े और विजय प्राप्त की। 1991 की राम लहर में राजपाल त्यागी ही कांग्रेस के ऐसे प्रत्याशी थे जिन्होंने गाजियाबाद से देहरादून तक जीत हासिल कर सीट कांग्रेस की झोली में डाल दी। यह उनकी लोकप्रियता को दर्शाता है। लेकिन 1993 के आम चुनाव में वे लोकदल के प्रेम सिंह प्रमुख से चुनाव हार गये। लेकिन 1996 के विधानसभा चुनाव में वे सपा के टिकट पर फिर से विधायक चुन गये। सपा से 1998 में उन्होंने लोकसभा चुनाव भी लड़ा।

2002 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने एक बार फिर कांग्रेस के टिकट पर विजय हासिल की, बाद में कांग्रेस छोड़कर 2003 में बसपा से विधायक बनें और बसपा की मायावती सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनें। इसके बाद 2004 में मुलायम सिंह यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनेंं। 2007 में वे एक बार फिर निर्दलीय विधायक बनें , 2008 में उन्होंने विधानसभा से त्याग पत्र दिया और बसपा में शामिल होेकर फिर से विधायक बनें और मायावती सरकार में कैबिनेट मंत्री बनें।
