मंथन:इन दिनों वैश्विक महामारी कोरोना का कहर चल रहा है। जिस गाजियाबाद जिले में शुरुआती दौर में सबकुछ ठीक लग रहा था उसी जिले में अब आम आदमी से लेकर विधायक एवं मंत्री तक कोरोना संक्रमित हो रहे हैं।
गाजियाबाद जिले में सरकारी अस्पतालों अथवा कोविड मरीजों के लिए बनाये गये अस्थाई अस्पतालों एवं अव्यवस्था की स्थिति को लेकर पहले से ही सवाल खड़े होते रहे हैं। इस मामले में गाजियाबाद में पूर्व में एडीएम प्रशासन भी सवाल खड़े कर चुके हैं। गाजियाबाद में रहने वाले जो भी जनप्रतिनिधि कोरोना संक्रमित पाये जा रहे हैं वे सरकारी अस्पताल के स्थान पर शहर के सबसे महंगे अस्पताल में इलाज करवाना पसंद कर रहे हैं।
अब नया मामला प्रदेश के स्वास्थ्य राज्यमंत्री का है। लगता है कि मंत्री जी को भी अपने अस्पतालों पर भरोसा नहीं रह गया है। यहीं कारण है कि वे भी दिल्ली सीमा के नजदीक सबसे बड़े एवं महंगे अस्पताल के प्राइवेट रूम में भर्ती होकर उपचार करवा रहे हैं। इससे पूर्व जिले के एक प्रशासनिक अधिकारी भी इसी अस्पताल में कोरोना संक्रमित होने के बाद भर्ती हुए थे।
जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने स्वयं ही सरकारी अस्पतालों एवं कोविड सेंटरों की स्थिति को उजागर कर दिया है। ऐसी स्थिति में कैसे आम जनता का भरोसा इन अस्पतालों पर होगा। यदि कमियां है तो सरकार को इनकी हालत सुधारने की पहल करनी चाहिये।
मंथन—————————————————————–Manthan