Dainik Athah

यूपी के सभी नगरों में मिशन लाइफ के अन्तर्गत बनेंगे ‘ना थ्रो-ना थ्रो’ ट्रिपल आर सेंटर

  • आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय,भारत सरकार के मेरी लाइफ मेरा स्वच्छ शहर अभियान के तहत की गई पहल
  • आगामी 20 मई से 5 जून तक अभियान का संचालन किया जाएगा
  • स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) के अन्तर्गत रिड्यूस, रियूज एंड रिसाइयकल के सिद्धांत पर ट्रिपल आर सेंटर खोलने का लिया गया फैसला
  • घरों से निष्प्रयोज्य सामग्रियों में कपड़े, किताबें, खिलौने, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रानिक उपकरण, मशीनरी आदि एकत्रित कर जरूरतमंदों को की जाएगी वितरित
  • मिशन लाइफ के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए प्रदेश भर में किए जाएंगे विशेष कार्यक्रम

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश के सभी 762 नगरीय निकायों में अब ‘ना थ्रो-ना थ्रो’ ट्रिपल आर सेंटर स्थापित किए जाएंगे। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के मेरी लाइफ मेरा स्वच्छ शहर अभियान के तहत यह पहल की गई है। व्यावहारिकता के आधार पर हर वार्ड में एक आरआरआर सेंटर स्थापित किया जाएगा।
इन केन्द्रों के माध्यम से आप अपने घरों की निष्प्रयोज्य सामग्री जैसे कपड़े, किताबें, खिलौने, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रानिक उपकरण, मशीनरी आदि दे सकेंगे। नगर निगम इनको एकत्रित कर जरूरतमंदों को वितरित करेगा। इन केन्द्रों को कपड़ा बैंक, किताब बैंक, बर्तन बैंक, खिलौना बैंक के रुप में विकसित किया जाएगा। यह ट्रिपल आर सेंटर उपलब्धता के आधार पर हर वार्ड में स्थापित किए जाएंगे।
इसके साथ ही, मिशन लाइफ अभियान के अन्तर्गत भी प्रदेश भर के नगरीय निकायों में विशेष जागरूकता कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा।
राज्य मिशन निदेशक, स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) नेहा शर्मा ने गुरुवार को सभी नगरीय निकायों को इस संबंध में निर्देश जारी किए। उन्होंने बताया कि पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर विशेष आयोजन किए जाएंगे।

मेरी लाइफ मेरा स्वच्छ शहर अभियान
राज्य मिशन निदेशक ने बताया कि आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के मेरी लाइफ मेरा स्वच्छ शहर अभियान के तहत ट्रिपल आर (रिड्यूस, रियूज एवं रिसायकल) ना थ्रो-ना थ्रो सेंटर बनाए जा रहे हैं। इनकी अवधारणा नागरिकों, संस्थानों, वाणिज्यिक उद्यमों आदि के लिए अप्रयुक्त या उपयोग की गई प्लास्टिक की वस्तुओं, कपड़े, जूते, किताबें और खिलौनों को जमा करने के लिए एक स्टॉप समाधान के रूप में हैं। एक बार एकत्र किए जाने के बाद इन वस्तुओं को पुन: उपयोग के लिए नवीनकृत करने या नए उत्पादों में परिवर्तित करने के लिए विभिन्न स्टेकहोल्डर को सौंप दिया जाएगा।
निदेशक ने बताया कि स्वच्छ कनेक्ट के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूह, जन प्रतिनिधि, व्यापारी वर्ग, स्टूडेंट्स, सर्विस क्लास समेत समाज के अन्य वर्गों को भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि ट्रिपल आर सेंटर का संचालन सम्बंधित नगरीय निकाय वालंटियर्स के माध्यम से करेंगे। इन केन्द्रों पर वस्तुओं को एकत्रित करने से लेकर वितरण के लिए विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं, स्वयं सहायता समूह समेत अन्य संगठनों को जोड़ने की व्यवस्था की गई है। कोई भी व्यक्ति अपने घर के निष्प्रयोज्य वस्तुओं को उपलब्ध करा सकता है। वस्तुओं के क्लेक्शन के लिए ना थ्रो- ना थ्रो रथ भी सभी नगरीय निकायों में संचालित किए जाएंगे।
मिशन लाइफ में प्लाग रन से लेकर शपथ ग्रहण
निदेशक श्रीमती नेहा शर्मा ने बताया कि मिशन लाइफ (स्पमि ैजलसम वित म्दअपतवउमदज) अभियान के संबंध में मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें, मुख्य सचिव महोदय द्वारा अवगत कराया गया कि मिशन लाइफ कार्यक्रम की शुरूआत माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा 20 अक्टूबर 2022 को गुजरात से की गई। मिशन लाइफ जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए व्यक्तियों में व्यवहार परिवर्तन पर आधारित है। बैठक में प्राप्त निदेर्शों के क्रम में प्रदेश के सभी – – नगरीय निकायों में आगामी 5 जून तक विशेष आयोजन किए जाएंगे।
प्रत्येक निकायों में रन फार लाइफ नाम से प्लाग रन का आयोजन किया जायेगा। निकायों द्वारा पांच जून को (लाइफस्टाइल डे के रूप में) मेगा इवेंट किया जायेगा, जिसमें नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली अपनाने की शपथ दिलायी जायेगी। शपथ ग्रहण कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों के साथ स्थानीय लोगों को भी जोड़ा जायेगा। निकायों द्वारा इस दिन कार्यालय में शपथ के लिये समय निर्धारित कर इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा साथ ही निकाय के समस्त अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली अपनाने की शपथ ली जायेगी। इसके साथ ही स्कूलों में पर्यावरण और लाइफ स्टाइल पर आधारित निबंध लेखन, वाल पेन्टिंग, पेन्टिंग प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि का आयोजन कराया जायेगा। अभियान के दौरान निकायों द्वारा सोशल मीडिया पर भी एक मैसिव कैम्पेन चलाया जायेगा।
अभियान में विशेष रूप से एनसीसी, एनएसएस, स्काउड गाइड, रोटरी क्लब आदि स्वयंसेवी संस्थाओं को शामिल किया जायेगा। अभियान में अन्य रचनात्मक गतिविधियों को भी जोड़ा जा सकता है।


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