Dainik Athah

आखिर किसकी शह है बागियों को, क्यों नहीं हो रही कार्यवाही!

  • मुरादनगर नगर पालिका में बागी बढ़ा रहे भाजपा की परेशानी
  • किसी बड़े नेता का चहेता बागियों को लगातार उकसाने में है व्यस्त
  • खुद को नहीं मिला टिकट तो बागियों को दिया जा रहा सहारा

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद।
कड़े अनुशासन के लिए जिस भारतीय जनता पार्टी को जाना जाता है आज उसकी स्थिति यह है कि वह अनुशासनहीनता की पराकाष्ठा कर चुके बागियों के खिलाफ कार्यवाही करने में हिचक रही है। आखिर बागियों को कौन नेता शह दे रहा है। यह सवाल आज भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता ही एक दूसरे से पूछ रहे हैं। कुछ स्थानों पर तो बागियों को वे नेता भी सहारा दे रहे हैं जिनको खुद को टिकट नहीं मिला। अब वे चाहते हैं कि भाजपा प्रत्याशी धड़ाम हो जाये।
भाजपा में टिकट वितरण को लेकर उपजा असंतोष अब तक भी नहीं थमा है। यहीं कारण है कि महानगर समेत पूरे जिले में एक सौ से अधिक बागी प्रत्याशी मैदान में है। इनमें चेयरमैन पद से लेकर पार्षद एवं सभासद पद के प्रत्याशी तक शामिल है। यदि बात चेयरमैन पद की करें तो मुरादनगर चेयरमैन पद पर घोषित प्रत्याशी महानगर महामंत्री गोपाल अग्रवाल की पत्नी रमा देवी के साथ ही पूर्व चेयरमैन रेखा अरोड़ा पत्नी राधे अरोड़ा, पूर्व महानगर मंत्री संजीव त्यागी की पत्नी संयोगिता त्यागी, बीडीसी सदस्य केडी त्यागी की पत्नी साधना त्यागी टिकट की दौड़ में थे। लेकिन टिकट रमा देवी को दिया गया। जिसके बाद संयोगिता त्यागी एवं रेखा अरोड़ा अब निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में है।

भाजपा सूत्रों के अनुसार दोनों बागियों को मनाने के भरपूर प्रयास भाजपा संगठन के साथ ही स्थानीय विधायक कर चुके हैं। लेकिन दोनों ही बागी टस से मस नहीं हुए। सूत्रों पर भरोसा करें तो बागियों की पीठ पर एक बड़े नेता का हाथ है। इसके साथ ही टिकट से वंचित रहे एक दावेदार खुद सामने न आकर अपने अपने परिवार के मुखिया के जरिये बागियों को शह देने का काम कर रहे हैं। यह वंचित भी जिले के एक बड़े नेता के खास माने जाते हैं। अब शक की सुई उधर ही घूमती नजर आ रही है।

दूसरी तरफ देखा जायें तो गाजियाबाद महानगर समेत पूरे जिले में सभासद और पार्षद प्रत्याशियों की मुसीबत भी बढ़ रही है। अधिकांश सीटों पर बागियों के चलते पार्टी के घोषित प्रत्याशी संकट में है। भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले राजनगर, कविनगर, राकेश मार्ग जैसे वार्डों में भाजपा प्रत्याशियों को कार्यकर्ता तक नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में समझा जा सकता है कि अनुशासन प्रिय पार्टी में कितनी अनुशासनहीनता हो चुकी है।

गाजियाबाद जिले में बागियों की संख्या कम है। जो बागी है उन्हें चेतावनी दी जा चुकी है। जैसे ही संगठन से ऊपर से निर्देश प्राप्त होंगे कार्यवाही तत्काल कर दी जायेगी। दिनेश सिंघल, जिलाध्यक्ष भाजपा गाजियाबाद

जो भी बागी प्रत्याशी मैदान में है उनसे लगातार बात की जा रही है। इसके साथ ही बागियों की सूची तैयार की जा रही है। इनके खिलाफ एक- दो दिन में कार्यवाही शुरू कर दी जायेगी।
अमित वाल्मीकि, महानगर एवं प्रदेश मंत्री भाजपा उत्तर प्रदेश


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