Dainik Athah

Chandrayaan-2 ने ली चाँद के क्रेटर की फोटो

चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) ने चांद (Moon) की कुछ तस्वीरों के साथ ही उसके एक क्रेटर को भी कैमरे में कैद किया है. इस क्रेटर का नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई (Vikram Sarabhai) के नाम पर रखा गया है.

नई दिल्ली: चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) ने चांद (Moon) की कुछ तस्वीरों के साथ ही उसके एक क्रेटर को भी कैमरे में कैद किया है. इस क्रेटर का नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई (Vikram Sarabhai) के नाम पर रखा गया है. प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि साराभाई का जन्म शताब्दी वर्ष 12 अगस्त को पूरा हुआ और यह उन्हें श्रद्धांजलि है. 

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जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसरो (ISRO) की हालिया उपलब्धियां साराभाई की दूरदृष्टि को साकार करती हैं. इसरो ने भारत को दुनिया के अग्रिम पंक्ति के देशों में खड़ा कर दिया है. गौरतलब है कि अंतरिक्ष विभाग, प्रधानमंत्री कार्यालय के अधीन आता है. राज्यमंत्री ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यह घोषणा करके कि चंद्रयान -2 ऑर्बिटर ने साराभाई क्रेटर की तस्वीर कैद की है, एक तरह से विक्रम साराभाई को विशेष श्रद्धांजलि अर्पित की है. साराभाई क्रेटर उस क्रेटर से पूर्व में करीब 250 से 300 किलोमीटर दूर है, जहां अपोलो 17 और लूना 21 मिशन उतरे थे. 

इसरो द्वारा जारी एक बयान में बताया गया कि साराभाई क्रेटर की 3D तस्वीरों से पता चलता है कि क्रेटर उठे हुए किनारे से करीब 1.7 किलोमीटर गहरा है इसकी दीवारों का झुकाव 25 से 35 अंश है. इस खोज से अंतरिक्ष विज्ञानिकों को लावा से भरे चंद्रमा क्षेत्र के बारे में अधिक जानकारी हासिल हो सकेगी. बयान में कहा गया है कि चंद्रयान-2 डिजाइन के अनुरूप काम कर रहा है और इससे अहम वैज्ञानिक डेटा प्राप्त हो रहे हैं. चंद्रयान-2 से वैश्विक उपयोग के लिए वैज्ञानिक आंकड़ों को इस साल अक्टूबर से जारी करना शुरू किया जाएगा.

गौरतलब है कि चांद के दक्षिणी ध्रुव (South Pole of the Moon) पर उतरने के उद्देश्य से चंद्रयान-2 को 22 जुलाई, 2019 को लॉन्च किया गया था. हालांकि इसके लैंडर विक्रम की सात सितंबर को चांद की सतह पर हार्ड लैंडिंग हुई थी. जिसकी वजह से पहले ही प्रयास में सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश बनने का भारत का सपना टूट गया था.

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