Dream 11 इस साल का IPL Sponsor बना है। BCCI ने मंगलवार को साल 2020 के इंडियन प्रीमियर लीग के इस स्पोर्ट्स फैंटसी प्लैटफॉर्म ड्रीम 11 को चुना। इस दौड़ में उसने कई बड़ी कंपनियों को मात दी।
मुंबई। ड्रीम11(Dream 11) ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के तीन साल के टाइटल राइट्स खरीद लिए हैं। 2020 के अधिकार तो पक्के हैं लेकिन अगले दो साल के लिए स्पोर्ट्स फैंटसी प्लैटफॉर्म के पास अधिकार रहते हैं या नहीं यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वीवो अगले साल लौटता है या नहीं।
अगर वीवो इंडिया- जो दो सप्ताह पहले ही आईपीएल से अलग हुआ है वापस आता है तो ड्रीम11(Dream 11) को उसके लिए रास्ता छोड़ना पड़ेगा। हालांकि अगर वीवो टाइटल स्पॉन्सर के तौर पर नहीं लौटेगा तो तो स्पोर्ट्स स्टार्ट अप के पास 2020 के आईपीएल के अलावा अगले दो साल के लिए भी अधिकार कायम रहेंगे।
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ड्रीम11(Dream 11) की बोली इस तरह रही- 222 करोड़ रुपये पहले साल के लिए, 240 करोड़ रुपये दूसरे साल के लिए और तीसरे साल के लिए भी 240 करोड़ रुपये। यह औसत बोली 234 करोड़ रुपये रही।
यह साफ नहीं हो पाया है कि आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सशिप को रोचक बनाने वाले टाटा संस ने बोली लगाई या नहीं। ई-लर्निंग स्टार्ट अप्स बायजूज और अनअकैडमी भी दौड़ में थे लेकिन वह जीत नहीं सके।
भारतीय खेलों में चीनी निवेश के खिलाफ बने माहौल में, खास तौर पर खेल प्रशासन खास तौर पर बीसीसीआई पर काफी दबाव था। बीसीसीआई ने साफ किया है कि ड्रीम11 एक भारतीय स्टार्ट अप है जिसमें चीनी निवेश ईकाई में है जिसे नजरअंदाज किया जा सकता है और इसका हल भी आपस में निकाला जा सकता है।
हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को पता चला है कि टाटा एक मोटी रकम के साथ बोली लगाने वाला था लेकिन उसकी कुछ शर्तें थीं। टाटा की पहली मांग थी कि वह तीन कैटगिरी (ग्रुप के अलग तीन ब्रांड) के लिए स्लॉट ब्लॉक करना चाहता था लेकिन बीसीसीआई ने पहले से तय कर रखा है कि वह जगह सिंगल-ब्रांड ऐक्टिविटी के लिए होगी।
ड्रीम इलेवन जो रकम बीसीसीआई को दे रहा है वह वीवो से आधी है।
सूत्र ने कहा, ‘बाजार की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह पैसा ठीक है। बोर्ड दो और ऑफिशल पार्टनर- अनअकैडमी और क्रेड- को भी साथ जोड़ेगा इसका अर्थ है कि उसे और 80 करोड़ मिलेंगे।’ बीसीसीआई को इस हिसाब से 300 करोड़ से ज्यादा की रकम मिलेगी।