- गाजियाबाद नगर निगम चुनाव में सामान्य वर्ग को भाजपा से मिल रहा धोखा
- टिकट बंटवारे को लेकर भाजपा में सामान्य वर्ग मान रहा है खुद के साथ धोखा
- भाजपा पदाधिकारियों के साथ ही अन्य को हुई टिकटों की बंदरबांट
अशोक ओझा
गाजियाबाद। भारतीय जनता पार्टी को सामान्य वर्ग की लोगों की पार्टी माना जाता है, लेकिन नगर निगम चुनाव में जिस प्रकार अनारक्षित पार्षद सीटों पर ओबीसी (पिछड़ा वर्ग) और एससी (अनुसूचित जाति) के लोगों को टिकट बांटे गये हैं उसे लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में भारी रोष है। स्थिति यह है कि इन सीटों पर पार्टी पदाधिकारियों के साथ ही अन्य पिछड़ा एवं अनुसूचित जाति को टिकट बांटे गये हैं उसको लेकर लगातार महानगर पदाधिकारियों के साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधि भी निशाने पर है। स्थिति यह है कि एक सौ में से सामान्य वर्ग को मात्र दो दर्जन सीटें ही मिल पाई है।
भाजपा ने नगर निगम चुनाव के लिए काफी समय पहले से रणनीति बनानी शुरू कर दी थी। लेकिन टिकट बंटवारे में अपनों के साथ ही पार्टी पदाधिकारियों को भी जमकर उपकृत किया गया है। अब आपको सीटों के हिसाब से बताते हैं। वार्ड नंबर दो सामान्य महिला के लिए है, लेकिन पार्टी ने यहां पर अनुसूचित जाति की मीनल रानी को टिकट दिया है। इसी प्रकार अनारक्षित वार्ड तीन में भी अनुसूचित जाति के घनश्याम कोरी को टिकट थमाया गया है। इसी प्रकार अनारक्षित वार्ड आठ नेहरूनगर 2 में पूर्व अनुसूचित जाति के पूर्व पार्षद राजेंद्र तितौरिया की पत्नी मिथलेश को टिकट दिया गया है। वार्ड नौ सामान्य महिला के लिए है, लेकिन यहां पर ओबीसी वर्ग से आने वाली शीतल चौधरी/ देओल को टिकट थमाया गया है। सूत्र बताते हैं कि यह टिकट किसी वरिष्ठ नेता के कहने पर दिया गया है।
इसके साथ ही वार्ड दस सामान्य महिला के लिए हैं यहां पर ओबीसी वर्ग के भाजपा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष मानसिंह गोस्वामी की पत्नी रेखा गोस्वामी को टिकट देकर उपकृत किया गया। वार्ड 12 अनारक्षित है यहां पर अनुसूचित जाति के अजीत गौतम को, वार्ड 14 में ओबीसी वर्ग के ओमप्रकाश ओड को, वार्ड 29 से कुलदीप कसाना को जो ओबीसी है को टिकट दिया गया है। सामान्य महिला के आरक्षित वार्ड 30 से ओबीसी रीना चौधरी को, अनारक्षित 37 से रवि भाटी और 38 से मनोज पाल को टिकट दिया गया है। दोनों ही ओबीसी वर्ग से आते हैं। सामान्य महिला वाले वार्ड 42 से ओबीसी पूनम यादव, अनारक्षित वार्ड 46 से अजयवीर सिंह को, सामान्य महिला के स्थान पर वार्ड 51 में ओबीसी सीमा यादव को, अनारक्षित वार्ड 52 में ओबीसी अभिषेक चौधरी को, वार्ड 53 सामान्य महिला के स्थान पर ओबीसी सुमन चौधरी को भाजपा ने टिकट थमाया है।
इतना ही नहीं सामान्य महिला वाले वार्ड 61 से शिल्पा चौधरी, 62 से मनु डबास, 63 से जाट समाज की श्रीमती गुलशन, अनारक्षित वार्ड 65 से राजकुमार नागर, 66 से ओबीसी वर्ग के सचिन पांचाल को, सामान्य महिला वाले वार्ड 72 से पूर्व पार्षद अतर सिंह की पत्नी और भाजयुमो महानगर अध्यक्ष सचिन डेढ़ा की मां विमला देवी को, अनारक्षित वार्ड 74 से नरेश भाटी, 78 से ओमवती देवी पत्नी रामनिवास तंवर दोनों ओबीसी, सामान्य महिला वाले वार्ड 83 से ओबीसी कविता भाटी को सबसे बड़ी बात अनारक्षित वार्ड 84 पॉश कालोनी राजनगर से ओबीसी प्रवीण चौधरी को टिकट थमाया गया है। यह एक प्रकार से सामान्य वर्ग के हक के पर ओबीसी और अनुसूचित जाति के नेताओं का डाका है। यह सबकुछ भाजपा के पदाधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों की मिलीभगत से हुआ।
क्या कहते हैं भाजपा पदाधिकारी
अनारक्षित सीट किसी के लिए आरक्षित नहीं होती। अनारक्षित अथवा सामान्य कोई जाति नहीं। पार्टी कोर कमेटी में 20 सदस्य थे। उन्होंने जिन नामों का पैनल बनाया उनको ही टिकट दिये गये हैं, पार्टी को जीताऊ प्रत्याशी चाहिये।
संजीव शर्मा, महानगर अध्यक्ष भाजपा गाजियाबाद
अनारक्षित अथवा सामान्य महिला कोई जाति नहीं है। यह ऐसी सीट है जहां पर कोई भी चुनाव लड़ सकता है। पार्टी ने जीतने वाले प्रत्याशियों को ही टिकट दिया है।
अमित वाल्मीकि, प्रदेश मंत्री भाजपा/ भाजपा महानगर प्रभारी
सामान्य वर्ग के बहुल्य वाली सीटों पर भी ओबीसी का कब्जा
राजनगर, विवेकानंद नगर, कौशांबी समेत बड़ी संख्या में ऐसी पार्षद सीटें जहां पर सामान्य वर्ग के लोग अधिक है। लेकिन इन सीटों पर भी पार्टी ने ओबीसी वर्ग को टिकट थमा दिये। इसको लेकर जनता में गलत संदेश जा रहा है।