- केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह और विधायक सुनील शर्मा के समर्थक आपस में भिड़े
- लात- घूंसे तक चले विधायक अजीत पाल त्यागी के कार्यालय पर
- पुलिस मूक दर्शक बनी देखती रही भाजपाइयों को
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद में मेयर प्रत्याशी सुनीता दयाल के नामांकन के दौरान साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र के पार्षद टिकटों के वितरण को लेकर केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह और साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा के समर्थकों में जमकर मारपीट हुई। पहले हंगामा, फिर नोकझोंक, हाथापाई तक पहुंच गई। कार्यकतार्ओं में लात-घूंसे तक चले। बामुश्किल उन्हें शांत किया गया।
गाजियाबाद महापौर प्रत्याशी सुनीता दयाल का नामांकन कराने के लिए सोमवार को उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक विधायक अजीत पाल त्यागी के कैंप कार्यालय पर आए हुए थे। इसी कार्यालय को महापौर का चुनाव कार्यालय भी बनाया गया है। नामांकन सभा का आयोजन भाजपा ने यहीं पर किया था। इस मौके पर भाजपा के महानगर प्रभारी एवं प्रदेश मंत्री अमित वाल्मीकि, महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा, विधायक सुनील शर्मा, अतुल गर्ग, अजीत पाल त्यागी और तमाम वरिष्ठ पदाधिकारी कार्यालय पर इकट्ठा थे। बृजेश पाठक, अजीत पाल त्यागी समेत अन्य नेता रथ यात्रा के साथ नामांकन के लिए रवाना हो गये। इसी दौरान टिकट से असंतुष्ट लोग भी वहां पहुंचने शुरू हो गए। सांसद जनरल वीके सिंह और साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा के पक्ष के कार्यकर्ता भी आ गए। ये वे लोग थे, जो भाजपा से पार्षद का टिकट चाहते थे, लेकिन ऐन वक्त पर नाम कट गया। या फिर ये लोग उस प्रत्याशी से नाराज थे, जिसका टिकट फाइनल हुआ है। इन कार्यकतार्ओं ने महानगर प्रभारी अमित वाल्मीकि को खूब खरी-खोटी सुनाई।
एक कार्यकर्ता ने आरोप लगाया कि जो प्रत्याशी दिल्ली में रहता है, उसे राजनगर एक्सटेंशन इलाके से टिकट दिया है। ऐसे में हम बाहरी प्रत्याशी को कैसे स्वीकार कर सकते हैं। एक अन्य कार्यकर्ता ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का नाम लेकर टिकट वितरण में जेबें भरी गई हैं। ऐसा कई वार्डों में हुआ है।
इधर, विधायक अजीतपाल त्यागी के कैंप कार्यालय पर हंगामा कर रहे कार्यकतार्ओं का कहना था कि जबसे खोड़ा चेयरमैन सीट पर रीना भाटी का टिकट हुआ है, तबसे वे पार्षद दावेदारों के नाम कटवाए जा रही हैं। अब तक तीन नाम कटवाए जा चुके हैं और छह नाम होल्ड करवा दिए हैं। आरोप लगाया कि ये सब विधायक सुनील शर्मा के इशारे पर हो रहा है। यहां विधायक के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों पक्षों को बामुश्किल अलग-अलग किया। इसके साथ ही सुनील शर्मा के समर्थकों ने आरोप लगाया कि जनरल वीके सिंह की पुत्री और उनका सहयोगी पार्षद टिकट अपनी मर्जी से बदलवाने का दबाव बना रहे हैं। इन सब घटनाओं के दौरान अमित वाल्मीकि के साथ ही विधायक सुनील शर्मा, पूर्व सांसद रमेश चंद तोमर, जनरल वीके सिंह की पुत्री मृणालिनी सिंह, कुलदीप सिंह चौहान समेत अन्य लोग थे।
बाद में हालात यहां तक पहुंचे कि दोनो पक्षों में जमकर मारपीट हुई और लात घूंसे चले। जनरल खेमे से खोड़ा से चेयरमैन टिकट के दावेदार कालू यादव के पुत्र एवं उसके साथ आये लोगों ने भी मारपीट की। इस संबंध में महानगर प्रभारी अमित वाल्मीकि ने कहा कि कार्यकर्ताओं में कुछ विवाद था जिसे शांत कर दिया गया।
मृणालिनी और सुनील शर्मा में जमकर हुई नौंक झौंक
मौके पर मौजूद भाजपा कार्यकर्ताओं के अनुसार स्थानीय सांसद की पुत्री एवं उनके सहयोगी समर्थकों को लेकर कार्यालय के अंदर गये थे। इस दौरान मृणालिनी सिंह और विधायक सुनील शर्मा के बीच जमकर नौंकझौंक हुई। घटना की एक एक पल की वीडियो रिकार्डिंग है।
हंगामे की सुनते ही खिसक गये असीम अरुण
रथ यात्रा में शामिल जिले के प्रभारी मंत्री अरुण असीम को जैसे ही एलआईयू की तरफ से हंगामे की सूचना मिली तो वे तत्काल ही गाड़ी में बैठकर वहां से खिसक गये।