- भाजपा की सूची पर गाजियाबाद महानगर में तड़के 3:00 बजे तक चलता रहा मंथन
- समूचे पश्चिम में उत्तर प्रदेश के नेताओं ने राजधानी में डाला डेरा
- हजरतगंज समेत लखनऊ के अधिकांश होटल हुए फुल
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद/ लखनऊ। गाजियाबाद समेत भारतीय जनता पार्टी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के निकाय चुनाव में टिकट दावेदारों के पैनल तैयार हो चुके हैं। पैनल लखनऊ पहुंचने के साथ ही टिकिट दावेदारों ने भी लखनऊ में डेरा डाल दिया है । सबसे देरी से गाजियाबाद महानगर का पैनल तैयार हुआ है।
उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी दूसरे चरण की टिकट घोषित करने की तैयारी में इस समय जुटी हुई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों के पैनल तैयार करने को लेकर मेरठ स्थित भाजपा के क्षेत्रीय कार्यालय में देर रात तक बैठकों का दौर जारी रहा गुरुवार को सुबह भाजपा के पश्चिम क्षेत्र अध्यक्ष सत्येंद्र सिसोदिया सभी जिलों का पैनल लेकर लखनऊ पहुंच चुके हैं इसके बाद पैनल को लेकर प्रदेश कार्यालय में एक बैठक गुरुवार को ही हो चुकी है।
भाजपा सूत्रों के अनुसार गाजियाबाद महानगर के अंतर्गत आने वाली गाजियाबाद नगर निगम एवं मुरादनगर वह खोड़ा मकनपुर नगर पालिका के महापौर पार्षद चेयरमैन और सभासद के पैनल तैयार करने को लेकर बुधवार सुबह 11: बजे शुरू हुई बैठक गुरुवार को तड़के 3 बजे तक चलती रही बैठक में प्रमुख रूप से केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह जिले के प्रभारी मंत्री असीम अरुण राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल विधायक सुनील शर्मा अतुल गर्ग अजीत पाल त्यागी एमएलसी दिनेश कुमार गोयल समेत कोर कमेटी के सभी सदस्य बैठक में मौजूद रहे हालांकि जनरल वीके सिंह बैठक समाप्त होने से पहले ही दिल्ली लूट गए थे।
गाजियाबाद महानगर की सूची और पैनल देरी से तैयार होने के कारण महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा जिले के प्रभारी मंत्री अरुण असीम समेत दर्जनों वरिष्ठ नेता एवं सूची लेकर शाम तक लखनऊ पहुंच चुके हैं। लखनऊ स्थित भाजपा के प्रदेश कार्यालय के आसपास ही नहीं अनेक दूरस्थ होटलों में भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भाजपा नेताओं एवं कार्यकतार्ओं ने डेरा जमाया हुआ है पार्टी कार्यालय में भी स्थिति यह है कि वहां पर रखने को भी जगह नहीं है।
प्रदेश के नेताओं की तलाश में भटक रहे हैं भाजपा नेता और कार्यकर्ता
लखनऊ में स्थिति यह है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी समेत पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताऔ कोट कार्यकर्ता तलाश करते हुए दर-दर भटक रहे हैं लेकिन बड़े नेता या तो कार्यकतार्ओं से मिलने को तैयार नहीं है कुछ नेता अपने परिचितों के यहां गोपनीय रूप से रह रहे हैं इसका कारण कार्यकतार्ओं की भीड़ से खुद को बचाना है।