- 22 अप्रैल को है अक्षय तृतीया
- चुनावी नामांकन के लिए है बहुत शुभ मुहूर्त
ज्योतिष के अनुसार 5 स्वयं सिद्धि मुहूर्त में विवाह के अनबूझ मुहूर्त होते हैं। यह अनबूझ विवाह मुहूर्त हैं,देवोत्थान एकादशी ,बसंत पंचमी , अक्षय तृतीया भडरिया नवमी और फुलैरा दोज।यदि किसी वर या कन्या को विवाह की तिथि ठीक प्रकार से ना मिल रही हो तो इन पांच तिथियों में बिना किसी विद्वान से परामर्श किए विवाह कर सकते हैं। ऐसा माना गया है किंतु शास्त्रों में इसका कोई उल्लेख नहीं है।लोकाचार के अनुसार बहुत से व्यक्ति शुभ मुहूर्तों मैं वैवाहिक कार्य और घर संबंधी कार्य बड़े उत्साह से करते हैं।हर बार अक्षय तृतीया पर भारतवर्ष में बहुत ही शादियां होती हैं किंतु इस बार अक्षय तृतीया पर गुरु अस्त का साया है।21 अप्रैल को बृहस्पति और उससे पहले 14 अप्रैल को सूर्य दोनों ही मेष राशि में आ जाएंगे।इसलिए गुरु अस्त के समय और शुक्र के अस्त के समय घर और गृहस्थ संबंधी कार्य करने का निषेध है।विवाह के समय में गुरु शुक्र का उदित अवस्था में होना युवा दंपतियों के गृहस्थ जीवन को सुखमय बनाता है।लेकिन शुक्र अस्त होगा तो वर को अशुभ है और गुरु अस्त होगा तो कन्या को अशुभ होता है।इसलिए इस बार अक्षय तृतीया पर विवाह मुहूर्त शुभ नहीं होंगे।यद्यपि जाने अनजाने में कुछ विद्वान अक्षय तृतीया के इस मुहुर्त को भी स्वयं सिद्धि मुहूर्त बता कर इसी तिथि में वैवाहिक कार्य संपन्न कराने की सलाह देंगे ,जो शास्त्र सम्मत नहीं है।किंतु अक्षय तृतीया भगवान विष्णु की प्रिय तिथि है।ऐसा कहा जाता है कि इस दिन कोई भी कार्य करें यदि कोई भी वस्तु खरीदें, उसमें अक्षय वृद्धि होती है अर्थात उसमें निरंतर वृद्धि होती है औउ वह नष्ट नहीं होती है।अक्षय तृतीया को आरंभ किया गया गृह निर्माण संबंधी कार्य अथवा ग्रह प्रवेश अति उत्तम माना गया है।इसके साथ साथ भूमि भवन , वाहन , आभूषण आदि खरीदने लिए यह शुभ मुहूर्त है।वर्तमान में चुनावी प्रक्रिया के कारण विभिन्न दलों के प्रत्याशी नामांकन कर रहे हैं ।अक्षय तृतीया का विजय मुहूर्त चुनावी नामांकन के लिए बहुत ही श्रेष्ठ है। नामांकन के लिए अभिजित मुहूर्त मध्यान्ह 11:36 बजे से 12:24 बजे तक विजय मुहूर्त है।यदि अक्षय तृतीया को स्थिर लग्न में मकान आदि अथवा भूमि भवन खरीदें तो बहुत शुभ रहता है । चर लग्न में किसी दुकान ,व्यवसाय ,फैक्ट्री या व्यवसाय का आरंभ करें तो निरंतर चलती है। आभूषण आदि खरीदे तो उसमें निरंतर वृद्धि होती है ऐसा माना गया है।भूमि, भवन, गृह प्रवेश आदि के लिए स्थिर लग्न मुहूर्त-प्रातः 7:03 से 8:59 तक वृषभ लग्न, मध्यान्ह 13: 20 बजे से 15:50 बजे तक सिंह लग्न, रात्रि 20:26 से 22:43 बजे तक वृश्चिक लग्न।इन समय अवधि में भूमि ,भवन, गृह प्रवेश आदि स्थिर कार्य संपन्न कर सकते हैं।उपरोक्त मुहुर्त में आभूषण, वस्त्र आदि भी खरीद सकते हैं।नवीन व्यवसाय दुकान व्यापार, चुनावी नामांकन आदि के लिए चर लग्न मुहूर्त-प्रातः 5:27 बजे से 7:03 बजे तक मेष लग्न ,11:12 बजे से 13: 32बजे तक कर्क लग्न ,18:06 बजे से 20:26 बजे तक तुला लग्न।चर लग्न में किया हुआ कार्य निरंतर चलता रहता है।