- सीएम योगी ने ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता बनाए रखने और उसकी पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए वीटीएस के इस्तेमाल पर दिया था जोर
- वीटीएस से गांवों की सड़क बनाने का काम तय समय में हो रहा पूरा
- सेंट्रल कमांड सेंटर से की जा रही पल पल की निगरानी
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। योगी सरकार की ओर से व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम (वीटीएस) के जरिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की गुणवत्ता, समयबद्धता और कार्य में पारदर्शिता की मॉनीटरिंग का असर दिखने लगा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसानों की आय कई गुना बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ऐसे में उन्होंने पीएमजीएसवाई को रफ्तार देने के लिए जीपीएस लैस वीटीएस को अपनाने के लिए विभाग को निर्देश दिये थे ताकि गांवों की सड़कों की लाइफ लंबी हो और इसकी लागत काफी कम हो। मालूम हो कि विभाग पहले से ही इस पर काम कर रहा है। विभाग गांवों की सड़क बनाने में फुल डेप्थ रिक्लेमेशन (एफडीआर) तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। उत्तर प्रदेश इस तकनीक का इस्तेमाल करने वाला देश का पहला राज्य है। विभाग की यह तकनीक पूरे देश में मॉडल के रूप में उभरी है।
अब तक 950 से अधिक उपकरण और मशीनरी में लगाए गए वीटीएस
उप्र ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के निदेशक भानू चंद्र गोस्वामी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब तक पीएमजीएसवाई के तहत गांव की सड़कों को बनाने में प्रयोग में लाई जा रहे करीब 950 से अधिक उपकरण और मशीनरी पर जीपीएस आधारित वीटीएस को लगाया जा चुका है। वहीं इसकी मॉनिटरिंग के लिए यूपीआरआरडीए में सेंट्रल कमांड सेंटर की स्थापना की गई है, जहां से पल-पल की जानकारी अपडेट होती है जैस किस साइट पर कौन सी मशीन से काम किया गया, कितने घंटे काम किया गया, किए गए काम की गुणवत्ता ठीक है या नहीं, निश्चित समय सीमा के तहत काम हो रहा है या नहीं आदि। यह डिवाइस पूरी तरह से मेड इन इंडिया है, जो एम्बेडेड सिम और आंतरिक एंटीना के साथ एमटी 6260 चिपसेट से लैस है। डिवाइस आईपी65 रेटिंग के साथ आती है और बैटरी आॅफलाइन मोड में 6 से 8 घंटे का बैकअप देती है। इस डिवाइस से वाहन, स्थानों को ट्रैक करने, एकत्र करने और नियंत्रित करने में काफी सफलता मिली है। यह डिवाइस एक वेब एप्लिकेशन पर आधारित है, जो वाहन के स्थान की डिटेल, जगह, निष्क्रिय समय, चौकियों आदि की पहचान करती है।
किसानों को यह हो रहा फायदा
- . किसानों की आय बढ़ाने और रोजगार के अवसर पैदा करने में सारथी बन रही पीएमजीएसवाई
- . खाद्य प्रसंस्करण केंद्रों, मंडी (कृषि बाजारों) और अन्य किसान संबंधित उद्यमों से आसान और तेज आवाजाही की सुविधा मिल रही
- . कृषि उत्पादों के आयात निर्यात को मिल रहा बढ़ावा
- . जल्द खराब होने वाले उत्पाद जैसे सब्जी और फलों को कम समय में मंडी में पहुंचाया जा रहा
एफडीआर तकनीक में इन उपकरणों और मशीनों का होता है उपयोग
- . मृदा कम्पेक्टर
- . बिटुमेन प्रेशर स्प्रेडर
- . चिप स्प्रेडर
- . पेवर
- . रिक्लेमर
- . सीमेंट स्प्रेडर
- . पैडफुट रोलर