16 मार्च की रात्रि 10 बजे से शुरू होगी 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों, अभियन्ताओं और निविदा/संविदा कर्मियों के साथ-साथ गाजियाबाद में भी ने बुधवार की सुबह बजे से कार्य बहिष्कार प्रारम्भ कर दिया है।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि 16 मार्च की रात 10 बजे से 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल होगी। उन्होंने बताया कि ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन की हठवादिता के चलते बिजली कर्मियों पर हड़ताल थोपी जा रही है। उन्होंने कहा कि 03 दिसम्बर 2022 को हुए समझौते में मा. ऊर्जा मंत्री की ओर से 15 दिन का समय मांगा गया था अब 112 दिन व्यतीत हो गये हैं और समझौते के प्रमुख बिन्दुओं के क्रियान्वयन की दिशा में कुछ भी कदम नहीं उठाया जा रहा है एवं ओबरा, अनपरा की 800-800 मेगा वाट की नई इकाईयां को उत्पादन निगम से छीन कर एन.टी.पी.सी. को दिये जाने, पारेषण के निजीकरण को रोकने व अन्य न्यायोचित मांगों के सार्थक समाधान किये जाने के बजाय शांतिपूर्ण ढंग से आन्दोलन कर रहे बिजली कर्मियों को पुलिस उत्पीड़न की धमकी दी जा रही है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों आलोक त्रिपाठी, अरशद अली, विशाल कंसल, एस एन पटेल, नेत्रपाल, बीके शर्मा, आरपी सिंह, राज सिंह, धीरज त्यागी, विजय शर्मा, पंकज भारद्वाज, वाहिद अली, अभिमन्यु, केके सोलंकी, अरुण नागर, नगीन, दिलनवाज़, अरविंद सूर्या, सौरभ राय, उमाकांत शर्मा आदि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति पूरा सम्मान व निष्ठा व्यक्त करते हुए समझौते को लागू कराने हेतु प्रभावी हस्तक्षेप करने की पुनः अपील की है। उन्होंने कहा कि बिजली कर्मियों का उ्देश्य हड़ताल कदापि नहीं है, हड़ताल उन पर थोपी जा रही है। यदि समझौते का क्रियान्वयन व अन्य न्यायोचित मांगों के सार्थक समाधान हो जाये तो बिजली कर्मी पूरी निष्ठा से दिन-रात कार्य कर उप्र को बिजली आपूर्ति के मामले में शीर्ष दर्जा दिलाने में सक्षम हैं।