अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। यह वही संस्था है जो पिछले लगभग छह वर्षों से दिल्ली स्थित निगमबोध घाट को हरिद्वार की तर्ज पर विकसित करने की मुहिम में जुटी है, और काफी हद तक इसमें सफल भी हुई है, निगमबोध घाट अब साफ सुथरा तथा व्यवस्थित नजर आता है।
इसी तर्ज पर अब यह संस्थान हरदा उत्तरांचलि की सोच को आगे बढ़ाते हुए गाजियाबाद के हिंडन घाट को सुधारने की मुहिम को आरंभ किया है, पिछले पांच महीनों के लगातार अथक मेहनत से सेवा मित्रों ने इस घाट की सफाई व्यवस्था को तो सुधार दिया है, अब यहां साफ सुथरा वातावरण बनता जा रहा है, बैठने की भी उचित व्यवस्था भी पहले से बेहतर हो गई है।
आज इसी सेवा क्रम में, समाज के दानदाताओं द्वारा संस्थान को घाट पर उपयोग होने वाले कुछ सामान उपलब्ध कराया है, जिसमें बची हुई दवाओं, कपड़ों आदि के लिये स्टील के बक्से, कूड़ेदान आदि है, इनको आज संस्थान के सेवामित्रों द्वारा घाट पर व्यवस्थित तरीके से लगा दिया गया है, अब दिवंगत आत्मा के वस्त्र, बची हुई दवा तथा अन्य कचरा घाट पर नही फैलेगा, जिससे घाट पर साफ सफाई रहेगी। इसके साथ -साथ घाट पर बड़े गमले लगाए गए है, जिसमे लगे पेड़ पौधों से वातावरण स्वच्छ बना रहेगा। संस्थान का प्रयास है कि जल्दी ही यहां पंखे, पीने तथा हाथ मुंह धोने के लिये पानी की व्यवस्था की जायेगी।
आज की सेवा में संस्थान के संस्थापक हरदा उत्तरांचलि सहित काफी संख्या में वरिष्ठ सेवा मित्रों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की, दिल्ली एवं वैशाली शाखा के कई सदस्य, उत्तराखण्ड महासंघ – गाजियाबाद, उत्तराखण्ड कुमाऊं परिषद गाजियाबाद, उत्तराखण्ड धरोहर परिवार सहित अन्य कई सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों ने भी शिरकत की।