प्रशिक्षण केंद्र रामपुर में बनाने की तैयारी
शासन ने नगर निगम को भेजा निरस्तीकरण का लेटर योजना के लिए जारी 50 करोड़ की धनराशि ब्याज सहित वापस मांगी
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। जिले के राजनीतिक नेताओं के लिए बुरी खबर है। अब देश का पहला जनप्रतिनिधि प्रशिक्षण केंद्र गाजियाबाद नहीं बनेगा। शासन ने इस प्रोजेक्ट को गाजियाबाद में निरस्त कर दिया है।इस निर्माण के लिए जारी 50 करोड़ रुपए का फंड भी ब्याज सहित वापस करने को कहा है । बता दें कि वर्ष 2017 में केंद्र सरकार की मंशा के बाद प्रदेश सरकार ने गाजियाबाद में जनप्रतिनिधि प्रशिक्षण केंद्र योजना का प्रस्ताव पास किया था। इसके लिए नगर निगम को जमीन खोजने का जिम्मा दिया गया, नगर निगम ने राज नगर एक्सटेंशन रोड पर नंदग्राम क्षेत्र की 51213 वर्ग मीटर भूमि तलाश की। 2018 में शासन स्तर पर इसके निर्माण के लिए 50 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर नगर निगम को भेज दी गई। नगर निगम ने जो जमीन प्रशिक्षण केंद्र के लिए खोजी थी उस पर अवैध अतिक्रमण भी था, जिसे हटाने को लेकर काफी बवाल हुआ। इस कारण इस प्रशिक्षण केंद्र पर निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका। शासन की ओर से इसके निर्माण का जिम्मा सीएनडीएस उत्तर प्रदेश जल निगम लखनऊ को दिया गया। लंबे समय से इस प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण कार्य बंद था। इस परियोजना पर सरकार को करीब 200 करोड़ रुपए खर्च करने के थे। पहले फेस के लिए 50 करोड़ रुपए शासन ने जारी भी कर दिए थे। माना जा रहा है कि निर्माण कार्य में देरी होने के चलते अब इस परियोजना को गाजियाबाद में निरस्त कर दिया गया है। प्रदेश सरकार के उपसचिव अखिलानंद ब्रहमचारी की ओर से नगर निगम को इस संबंध में एक पत्र भेजा गया है। इसकी प्रतिलिपि जिलाधिकारी को भी भेजी गई है। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के मुताबिक इस प्रशिक्षण केंद्र के गाजियाबाद में निर्माण की योजना को निरस्त कर दिया गया है ।उम्मीद जताई जा रही है कि रामपुर में प्रशिक्षण केंद्र के लिए एक नया भवन तैयार है। लिहाजा इसी केंद्र में जनप्रतिनिधि प्रशिक्षण योजना भी लागू करने की योजना है। जिलाधिकारी को भेजे गए पत्र में योजना के लिए जारी 50 करोड़ की धनराशि में से करीब साढ़े 6 करोड़ रुपए खर्च होना बताया गया है। बाकी शेष करीब साढ़े 43 करोड़ की धनराशि ब्याज सहित राजकोष में जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं।