Dainik Athah

इन्फ्रा डेवलपमेंट के लिए योगी सरकार ने खोला खजाना

उत्तर प्रदेश में इस वित्तीय वर्ष धरातल पर उतरेंगे कई बड़े प्रोजेक्ट्स

  • लिंक एक्सप्रेस वे, रोप वे, मेट्रो रेल पर सरकार खर्च करेगी हजारों करोड़ रुपए
  • प्रदेश के इन्फ्रास्ट्रक्चर को वर्ल्ड क्लास का बनाने में जुटी योगी सरकार
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर मैन आॅफ इंडिया के नाम से बन चुकी है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहचान

    अथाह ब्यूरो
    लखनऊ।
    यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेशकों की ओर से मिले उत्साहवर्धक नतीजों का पहला सकारात्मक असर हाल ही में प्रदेश सरकार की ओर से पेश किये गये मेगा बजट में देखने को मिला है। बीते छह साल से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस प्रकार प्रदेश के अंदर मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण को गति देने में जुटे हैं, उसके बाद उनकी पहचान देशभर में ‘इन्फ्रास्ट्रक्चार मैन आॅफ इंडिया’ की बनती जा रही है। योगी सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए लाये गये बजट में जहां तमाम लोक कल्याणकारी कार्यों को विशेष तरजीह दी गयी है, वहीं प्रदेश के इन्फ्रास्ट्रक्चर को और अधिक मजबूत बनाने के लिए भी भारी भरकम धन का आवंटन किया गया है। यूपी को उद्योगों का हब बनाने की दिशा में बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर सबसे जरूरी तत्व है। ऐसे में योगी के बजट में अवस्थापना को लक्षित करते हुए धन की कहीं कोई कमी नहीं की गयी है।
  • ट्रैफिक कनेक्टिविटी के लिए अलग अलग मदों में करोड़ों रुपए का बजट
    योगी सरकार के बजट 2023-24 पर यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का सबसे अधिक प्रभाव दिख रहा है। प्रदेश को विकास की राह पर दौड़ाने के लिए उद्योग समर्थित 25 नीतियां पहले ही लागू की जा चुकी हैं। इसके बाद उद्योगों के लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूत करने पर सरकार का विशेष जोर है, जो इस बार के बजट में स्पष्ट दिखाई दे रहा है। मसलन ट्रैफिक कनेक्टिविटी के लिए सरकार की ओर से अलग अलग मदों में करोड़ों रुपये खर्च किये जाएंगे। इनमें वाराणसी में रोप-वे सेवा विकसित करने के लिए 150 करोड़ रुपए, कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के लिए 585 करोड़ रुपये, आगरा मेट्रो रेल परियोजना के लिए 465 करोड़ रुपये, दिल्?ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना के लिए 1306 करोड़ रुपये सरकार मुहैया कराएगी। वहीं वाराणसी, गोरखपुर व अन्य शहरों में मेट्रो रेल परियोजना के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।
  • इस साल बनेंगे 12 लाख से ज्यादा आवास
    इसी प्रकार शहरों पर बढ़ रहे आबादी के दबाव को कम करने के लिए शहरी विस्तारीकरण के मुद्दे पर भी योगी सरकार इस बजट में गंभीर नजर आई है। सरकार की ओर से नये शहर बसाने और पुराने महानगरों के विस्तार के लिए तीन हजार करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है। शहर ही नहीं बल्कि गांवों में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने को लेकर योगी सरकार इस बजट में पूरी तरह से गंभीर नजर आ रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत सरकार ने बड़ा लक्ष्य तय करते हुए इस साल 12,39,877 आवास बनाने जा रही है। इसके लिए योगी सरकार नौ हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 1203 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। इसके साथ ही गांवों को बेहतर रोड कनेक्टिविटी देकर विकास की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए सरकार की ओर से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मद में 5966 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।
  • इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग कॉम्प्लेक्स की हो रही सबसे ज्यादा चर्चा
    देश में सर्वाधिक एक्सप्रेस वे वाले प्रदेश में ग्रामीण सड़कों से लेकर लिंक एक्सप्रेस वे का काम भी तेज गति से शुरू होने जा रहा है। योगी सरकार की ओर से झांसी लिंक एक्सप्रेस-वे तथा चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे की नई परियोजनाओं के प्रारम्भिक चरण के लिए 235 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। यही नहीं बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के साथ ही डिफेंस कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए 550 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। इसके अलावा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ गोरखपुर में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलप किया जाएगा, इसे लेकर योगी सरकार ने 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। यूपी के इस मेगा बजट में सबसे ज्यादा चर्चा जिस इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को लेकर हो रही है, तो वो है पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे एवं बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के किनारे छह स्थानों पर बनने जा रहे इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग कॉम्प्लेक्स की। इनमें से चार कॉम्प्लेक्स पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के किनारे तथा दो कॉम्प्लेक्स बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे के किनारे बनाया जाना प्रस्तावित है। इसके अलावा प्रदेश में फार्मा पार्कों की स्थापना एवं विकास के लिए 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।
  • सड़कों और फ्लाईओवर के लिए सरकार ने खोला खजाना

सड़कों और फ्लाईओवर की बात करें तो इस बार इनके निर्माण के लिए 21,159.62 करोड़ रुपए सरकार खर्च करने जा रही है। वहीं इनके रख-रखाव पर 6,209.50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। ऐसे ही आरओबी निर्माण के लिए 1700 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। अन्य सेतुओं के लिए 1850 करोड़ रुपये का बजट है। इसी प्रकार स्टेट हाईवे के चौड़ीकरण के लिए 2,588.80 करोड़ रुपए सरकार इस साल खर्च करने जा रही है। वहीं जिलास्तर के मार्गों के चौड़ीकरण के लिए 2,538.80 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। योगी सरकार प्रमुख धार्मिक मार्गों के विकास पर भी एक हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। वहीं इंडस्ट्रियल और लॉजिस्टिक्स पार्क में फोर लेन सड़कों के लिए योगी सरकार 50 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है।

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