यूपी बजट 2023-24: बेसिक, माध्यमिक, उच्च व प्राविधिक शिक्षा
विंध्यधाम, देवीपाटन और मुरादाबाद मंडल में खोलने की घोषणा, 50-50 करोड़ रुपये आवंटित
बेसिक, माध्यमिक, उच्च व प्राविधिक शिक्षा पर योगी सरकार का विशेष जोर
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। योगी सरकार ने बजट 2023-24 के जरिए उत्तर प्रदेश को 3 नए राज्य विश्वविद्यालय की सौगात दी है। इसमें दो राज्य विश्वविद्यालय अध्यात्म से समृद्ध विंध्यधाम और देवीपाटन मंडल में खुलेंगे, जबकि तीसरा विश्वविद्यालय मुरादाबाद मंडल में खोला जाएगा। इसके लिए 50-50 करोड़ रुपये भी आवंटित किए गए हैं। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पढ़ते और बढ़ते यूपी के लिए शिक्षा पर विशेष जोर दिया है।
बेसिक शिक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि प्रदेश में बेसिक शिक्षा के अधीन शासकीय / अशासकीय लगभग 2,23,712 विद्यालय संचालित हैं, जिसमें सभी बच्चों के लिए 01 से 03 किलोमीटर की परिधि में विद्यालय की सुविधा उपलब्ध है। समग्र शिक्षा अभियान हेतु 20,255 करोड़ प्रस्तावित है।
आॅपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास एवं उन्हें स्मार्ट विद्यालयों के रूप में विकसित करने की कार्य योजना है। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 1000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
शासकीय / अशासकीय लगभग 2,23,712 विद्यालय संचालित हैं, जिसमें सभी बच्चों के लिए 01 से 03 किलोमीटर की परिधि में विद्यालय की सुविधा उपलब्ध है।
वित्त मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार की सहायता से पी०एम० श्री (प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इण्डिया) नामक नई योजना प्रदेश में क्रियान्वित किये जाने हेतु 510 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गयी है। ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की नई योजना हेतु 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
वित्त मंत्री ने बताया कि गरीबी रेखा के ऊपर के लगभग 28 लाख छात्र छात्राओं को नि:शुल्क यूनिफार्म वितरण हेतु 50 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कक्षा-1 से 08 तक अध्ययनरत लगभग 02 करोड़ छात्र-छात्राओं के उपयोग के लिए मुफ्त स्वेटर और जूते और मोजे प्रदान करना 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित हैं ।
बजट में कक्षा 01 से 08 तक के छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क स्कूल बैग उपलब्ध कराये जाने हेतु 350 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। वनटांगिया गांवों में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संचालन एवं निर्माण हेतु 11 करोड़ रुपये, नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के अन्तर्गत अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के बच्चों को वित्तीय वर्ष 2023-2024 में प्रवेश दिलाये जाने हेतु 40 करोड़ रुपये।
माध्यमिक शिक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदू
- वित्त मंत्री सुरेश खन्ना में बताया कि वर्तमान में प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा परिषद से सम्बन्धित सामान्य शिक्षा हेतु 2357 राजकीय, 4512 अशासकीय सहायता प्राप्त एवं 21,023 वित्त विहीन कुल 27892 माध्यमिक विद्यालय तथा संस्कृत शिक्षा के लिये 2 राजकीय, 971 सहायता प्राप्त एवं 267 वित्त विहीन कुल 1240 विद्यालय संचालित है। बजट के जरिए माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से मान्यता प्राप्त अशासकीय सहायता प्राप्त एवं स्ववित्त पोषित विद्यालयों के भवनों के अनुरक्षण / संवर्धन के लिये विद्यालय की परिसम्पत्तियों का उपयोग करते हुये विद्यालयों की आय बढ़ाने की योजना प्रस्तावित है। वित्त मंत्री के मुताबिक केंद्र सरकार की सहायता से पीएम श्री (प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इण्डिया) नामक नई योजना प्रदेश में क्रियान्वित किये जाने हेतु 500 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गयी है। बजट में ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की नई योजना हेतु 300 करोड़ रुपये व्यवस्था की गई है।
- सुरेश खन्ना के मुताबिक समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन हेतु 1003 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में विभिन्न अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु प्रोजेक्ट अलंकार योजनान्तर्गत 500 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। संस्कृत विद्यालयों की परिसम्पत्तियों के सृजन हेतु 100 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। वित्त मंत्री के मुताबिक माध्यमिक विद्यालयों में संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिये 10 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। स्ववित्त पोषित विद्यालयों में निर्धारित आय सीमा से कम आय वाले माता-पिता की दूसरी बच्ची की फीस प्रतिपूर्ति हेतु 5 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
उच्च शिक्षा से जुड़े मुख्य बिंदुओं पर फोकस
- योगी सरकार ने विंध्याचल धाम मंडल में माँ विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये 50 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए। देवीपाटन मंडल में माँ पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। मुरादाबाद मंडल में राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 50 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए।
- यूपी की उपलब्धि पर चर्चा करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि नैक रैंकिंग में लखनऊ एवं गोरखपुर विश्वविद्यालयों को ए-डबल प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है। इसी प्रकार केजीएमयू को भी नैक रैंकिंग में ए प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है।
- वहीं मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर को ए श्रेणी प्राप्त हुई है। भारत में प्रथम बार किसी कृषि विश्वविद्यालय को नैक रैंकिंग प्रदान हुई है और यह श्रेय प्रदेश के कानपुर कृषि विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ है। प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों में से एमिटी विश्वविद्यालय को ए-श्रेणी तथा शारदा विश्वविद्यालय, गलगोटिया विश्वविद्यालय एवं जी.एल.ए. विश्वविद्यालय को ए प्लस श्रेणी प्राप्त हुई है।
- वित्त मंत्री ने बताया कि प्रदेश में प्रथम बार 11 विश्वविद्यालयों द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग की तैयारी कर सहभाग लिया है। चार विश्वविद्यालय विश्वस्तरीय रैंकिंग हेतु क्यू.आई.एस. रैंकिंग में भाग ले रहे हैं। ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना के लिए 300 करोड़ रुपये
प्राविधिक शिक्षा पर भी सरकार का जोर
प्रदेश में डिप्लोमा स्तरीय 201 राजकीय संस्थायें एवं 19 अनुदानित संस्थायें अर्थात 220 संस्थायें स्वीकृत हैं, जिनमें से 168 संस्थाओं में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। 52 राजकीय पालीटेक्निक निमार्णाधीन / अवस्थापना की प्रक्रिया में हैं, जिन्हें निकट भविष्य में पीपीपी मोड पर संचालित किया जाना है। वर्तमान में 1372 निजी क्षेत्र की डिप्लोमा स्तरीय संस्थाओं में छात्र / छात्राओं को प्रवेश दिया जा रहा है।
-व्यावसायिक शिक्षा व कौशल विकास
वित्त मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 305 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिनमें विभिन्न व्यवसायों की 1,72,872 सीटें उपलब्ध हैं। प्रदेश के विभिन्न राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में से 47 में महिलाओं के प्रशिक्षण हेतु महिला शाखा संचालित कराई जा रही है। सम्पूर्ण प्रदेश में महिलाओं हेतु 12 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान स्वतंत्र रूप से संचालित हो रहे हैं।
प्रदेश में 2963 से अधिक निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिनमें 4.58 लाख से अधिक सीटें युवाओं के प्रशिक्षण हेतु उपलब्ध हैं।
वित्त मंत्री ने बताया कि टाटा टेक्नोलॉजीज लि० की सहभागिता से प्रदेश के राजकीय क्षेत्र के 150 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के तकनीकी उन्नयन की योजना के अन्तर्गत आधुनिक कार्यशालाओं एवं कक्षा कक्षों का निर्माण कराया जा रहा है। परियोजना की लागत 5000 करोड़ रुपये से अधिक है, जिसमें 88 प्रतिशत अंश टाटा टेक्नोलाजी लि० द्वारा तथा 12 प्रतिशत अंश राज्य सरकार द्वारा लगाया जायेगा। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा परियोजना हेतु 10 हजार वर्ग फीट क्षेत्रफल में कार्यशाला, प्रशिक्षण कक्ष इत्यादि के निर्माण के लिये 477 करोड़ रुपये का व्यय वहन किया जायेगा। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में परियोजना के लिए 940 करोड़ रुपये की व्यवस्था करायी गयी है। परियोजना के फलस्वरूप प्रतिवर्ष लगभग 30,000 छात्र प्रशिक्षित होंगे। वहीं कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु 150करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रशिक्षण योजना हेतु 70 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। केन्द्र प्रायोजित स्ट्राइव योजना के अन्तर्गत 29 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उच्चीकरण कराया जायेगा। इस हेतु 35 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था की गई है।