बजट के दौरान सुरेश खन्ना ने सुनाए आठ शेर और ‘दिनकर’ की कविता की पंक्तियां
बजट को वित्तमंत्री खन्ना ने होली के पर्व की खुशी को दोगुना करने वाला बताया
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना का शायराना अंदाज भी दिखा। उन्होंने एक तरफ जहां शेर और कविता की पंक्तियों के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की तारीफ की। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष पर तंज भी कसा। पूरे बजट के दौरान खन्ना ने आठ शेर और एक कविता की पंक्तियां सुनाई। वहीं सदस्यों ने मेजें थप थपाकर उनकी हौसला अफजाई की।
वित्तमंत्री ने योगी सरकार के आय-व्यय के लेखा जोखा की सराहना करते हुए वित्त वर्ष 2023-24 के बजट को होली के पर्व की खुशी को दोगुना करने वाला बताया- योगी जी का बजट बना है यूपी की खुशहाली को, यह अद्भुत रंगीन करेगा आने वाली होली को। उन्होंने प्रदेश की सुदृढ़ कानून व्यवस्था के कारण बने औद्यौगिक माहौल का जिक्र किया और शेर के माध्यम से विपक्ष पर तंज कसते हुए आईना दिखाने की कोशिश की- *सुधर गई कानून- व्यवस्था, उद्योगों की अलख
जगी, यूपी बना ग्रोथ का इंजन, यह सब पहली दफा समझ, फकत किनारे बैठे-बैठे, लहरों से मत सवाल कर, डूब के खुद गहरे पानी में, पानी का फलसफा समझ।
केंद्र की विभिन्न योजनाओं में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। इसका श्रेय सीएम योगी को देते हुए वित्तमंत्री ने कहा- श्रम के जल से राह सदा सिंचती है, गति मशाल आंधी में ही हंसती है, छालों से ही श्रृंगार पथिक का होता है, वो विपरीत परिस्थितियों में चलने के आदी हैं, मंजिल की मांग लहू से ही सजती है। उन्होंने कोविड कालखंड में उत्पन्न चुनौतियों और प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन और सीएम योगी के नेतृत्व की शान में कहा- मंजिलें लाख कठिन आयें, गुजर जाऊंगा, हौसले हार के बैठूंगा तो मर जाऊंगा, लाख रोकें ये अंधेरे मेरा रास्ता, लेकिन मैं जिधर जाऊंगा रोशनी ले जाऊंगा।
वित्तमंत्री अपने शायराना अंदाज में नागरिक उड्डयन विभाग के कार्यों का उल्लेख कुछ इस तरह किया- हमारे पंखों को कौन विराम लगा सकता है, जब हमें नियति से उड़ने का वरदान मिला। प्रदेश में मिल रही निर्बाध विद्युत एवं अतिरिक्त ऊर्जा के क्षेत्र सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों को बताते हुए उन्होंने कहा- इस चमन को कभी सहरा नहीं होने दूंगा, मर मिटूंगा मगर ऐसा नहीं होने दूंगा, जब तलक भी मेरी पलकों पे दिये हैं रोशन, अपनी नगरी में अंधेरा नहीं होने दूंगा।
योगी सरकार द्वारा कराए जा रहे प्रदेश के धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के विकास कार्यों पर विपक्ष द्वारा उत्पन्न की जाने वाली अड़चनों का वित्तमंत्री कुछ इस अंदाज में जिक्र किया- *मैं पंक्षी तूफानों में राह बनाता, मेरा राजनिति से केवल इतना नाता, तुम मुझे रोकते हो अवरोध बिछाकर, मैं उसे हटाकर आगे बढ़ता जाता।
प्रधानमंत्री मोदी और सीएम योगी की कार्यशैली से आमजनमानस की सोच में आए बदलाव को वित्तमंत्री ने कुछ इस तरह बयां किया- हमने तो समंदर के रुख बदले है, मोदी-योगी ने सोचने के सलीके बदले हैं, आप कहते थे कुछ नहीं होगा, हमने आपके भी सोचने के तरीके बदले हैं। अंत में वित्तमंत्री ने राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता की पंक्तियां पढ़ीं- सेनानी करो प्रयाण अभय, भावी इतिहास तुम्हारा है, ये नखत अमां के बुझते हैं, सारा आकाश तुम्हारा है। इसके साथ ही उन्होंने वित्त वर्ष 2023-24 का बजट प्रदेश की जनता को समर्पित कर दिया।