बिना एनओसी के चल रहा था निर्माण
अथाह सवांददाता
गाजियाबाद। लोनी इलाके में निर्माणाधीन फैक्ट्री का लेंटर गिरने के बाद बचाव-राहत कार्य करीब 7 घंटे तक चला। इस फैक्ट्री के निर्माण के वक्त सरकारी मशीनरी आंख मूंद चुकी थी। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से इसका न तो नक्शा पास कराया गया और न ही अन्य कोई भी परमिशन ली गई। जीडीए सचिव ने इस लापरवाही में सुपरवाइजर शेर सिंह को सस्पेंड किया है। जेई सीपी शर्मा और क्षेत्र प्रभारी मानवेंद्र सिंह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई
एडीएम प्रशासन ऋतु सुहास ने कहा, ‘बिल्डिंग की दीवारें पुरानी थीं। इन पुरानी दीवारों पर पहले एक पिलर सेट किया गया, फिर लेंटर डाला गया। माना जा रहा है कि कमजोर दीवारों से ये हादसा हुआ। प्लॉट मालिक और फैक्ट्री बनाने वाले व्यक्ति से पूछताछ होगी। जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की जाएगी।’
मजदूरों से पूछताछ में एक बात और सामने आई है। वो ये कि पहले 12 फीट ऊंचाई पर लेंटर डालना तय हुआ था। फिर ये ऊंचाई बढ़ाकर 18 फीट कर दी गई। छह फीट का अंतर कम करने के लिए जमीन पर मिट्टी डाली गई। इस मिट्टी के ऊपर लकड़ी की बल्लियां लगाकर लेंटर रखा गया। आशंका है कि ताजा मिट्टी होने की वजह से वो दरक गई और बल्लियां नीचे आने से लेंटर गिरा होगा।”
सात घंटे तक चला बचाव-राहत कार्य
ये हादसा रविवार शाम करीब 4 बजे लोनी के औद्योगिक क्षेत्र रूपनगर में हुआ था। दो फैक्ट्रियों के बीच आकाश शर्मा का 300 वर्गगज का प्लॉट है। रविवार को इस पर लेंटर डालने का काम पूरा हो चुका था। अचानक फाइनल टच देते वक्त लेंटर नीचे आ गिरा। इस हादसे में वहां काम कर रहे सभी मजदूर दब गए। इस हादसे में दो मजदूरों राजेश व मोहम्मद समीर की मौत हो गई। जबकि 11 घायल हुए हैं। एनडीआरएफ का बचाव-राहत कार्य रात करीब सवा 11 बजे खत्म हुआ।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर NDRF और SDRF की टीमें मलबा हटाती रहीं। उन्हें आशंका थी कि मलबे के नीचे कोई और न दबा हो। इस हादसे में कुल 2 मजदूरों की मौत हुई है, वहीं 9 मजदूर घायल हैं। इनका इलाज दिल्ली के जीटीबी हॉस्पिटल में चल रहा है।