Dainik Athah

भाजपा सरकार में अपराधियों का भाजपाईकरण हो गया है: अखिलेश यादव

अथाह ब्यूरो
लखनऊ
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार में अपराधियों का भाजपाईकरण हो गया है। अपराध और कानून-व्यवस्था पर जीरो टॉलरेंस का दावा फेल है। प्रधानमंत्री जी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अपराधियों ने एक साधु की सरेआम बेरहमी से हत्या कर दी। अयोध्या से राम मंदिर में सफाई कर्मचारी के साथ 16 से 25 अगस्त 2024 तक कई बार सामूहिक दुष्कर्म में सत्ता दल से सम्बन्धित आरोपित है। महिलाएं आस्था के स्थान पर भी सुरक्षित नहीं।
उन्होंने कहा कि यह घटनाएं उत्तर प्रदेश में बेखौफ घूम रहे दुर्दांत गैंग का सच सामने ला रही है। प्रदेश में हर दिन हत्याएं हो रही है। अपराधियों में प्रशासन का कोई डर नहीं है। महिलाओं के साथ अपराधों में तो उत्तर प्रदेश देश में सबसे ऊपर है। बेशर्मी से लेकिन भाजपा सरकार अपने कुकर्मो पर पर्दा डालती रहती है। कहा कि भाजपा सरकार के लोग जब यह कहते है कि अपराधी प्रदेश छोड़कर भाग गए हैं वह सच से मुंह मोड़ रहें हैं। दरअसल भाजपा सरकार में अपराधी कहीं नहीं गए हैं, उनका भाजपाईकरण हो गया है। तमाम दबंगों, अपराधियों को सत्ता का संरक्षण मिला हुआ है। सरकार हर स्तर पर भेदभाव करती है। बीएचयू में छात्रा के साथ हुई घटना के आरोपियों का भाजपा सरकार का खुला संरक्षण सभी के सामने है, जेल से जमानत के बाद आरोपियों का स्वागत किया गया।
यादव ने कहा कि प्रदेश में लगातार घटनाएं हो रही है। भाजपाई पुलिस-प्रशासन के साथ मिलकर राजनीतिक विरोधियों को फंसाने की साजिश और षडयंत्र करते हैं। भाजपा सरकार में अवांछित तत्वों को बढ़ावा मिलता है और निदोर्षों को फंसाया जाता है। जाति धर्म देखकर सजाएं तय की जाती है। सत्ता दल से जुड़े असामाजिक तत्वों को छूट मिलती है और विपक्षियों के घरों पर बुलडोजर की कार्रवाई में देर नहीं लगती। इसीलिए अपराध कम होने के बजाय लगातार बढ़ते जा रहे हैं। रिपोर्ट लिखवाने की जटिलता के कारण कितने अपराध दर्ज ही नहीं हो पाते हैं, जिससे अपराधियों के हौसले बुलन्द हैं।
आम जनता भाजपा के कारनामों से त्रस्त है। भाजपा सरकार में एक तरफ जहां अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है वहीं भ्रष्टाचार और लूट का धंधा भी चरम पर है। भाजपाई सत्ता संरक्षण में सरकारी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। गरीबों की जमींने छीन रहे हैं। उनकी कहीं सुनवाई नहीं।


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