Dainik Athah

हम समाजवादियों के लिए संविधान सबसे बड़ा धर्म हैं हम लोकतंत्र की पूजा करते है:अखिलेश यादव

अथाह ब्यूरो

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता विरोधी दल अखिलेश यादव ने कहा है कि हम समाजवादियों के लिए संविधान सबसे बड़ा धर्म हैं हम लोकतंत्र की पूजा करते है। संविधान से हमें जो अधिकार मिले हैं, उन्हें भी छीना जा रहा है। इनके लिए बाबा साहब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर और डॉ0 राममनोहर लोहिया ने लड़ाई लड़ी थी। पिछड़ों, दलितों को उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है। संविधान में भेदभाव के लिए कोई जगह नहीं है, लेकिन भाजपा सरकार भेदभाव कर रही है। जो चीज भाजपा खुद नहीं बोलती है, उसके वह दूसरी पार्टियों के जरिए कहलाती है।


    श्री यादव ने कहा कि हमारी संस्कृति मिली-जुली है। एक दूसरे के साथ सहयोग करने वाली है। हमारा भारत तभी अच्छा लगता है, जब एक गुलदस्ता की तरह हो, जिसमें सभी लोगों की भागीदारी हो।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने देश की अर्थव्यवस्था को खोखला कर दिया है। मंहगाई और बेरोजगारी चरम पर है। ये बड़े सवाल हैं, इनकी चिंता करनी चाहिए। किसान की सन् 22 में आय दुगनी करने का वादा था पर आज आटा कितना महंगा हो गया है। रसोई गैस के दाम कम नहीं हुए हैं। भाजपा के बजट से कोई खुश नहीं है। हर वर्ग में निराशा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि एक कम्पनी का दावा था कि वह 70 हजार करोड़ रूपये का निवेश करेगी। इसका मालिक जो विश्व के अमीरों में नम्बर 2 पर था वह अब 20 की सूची से भी बाहर हो गया। जिन लोगों का इसकी कम्पनी में पैसा लगा उनका कितना नुकसान हुआ होगा?
 अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा जनता को धोखे में रखती है। नोटबंदी और जीएसटी से लोगों को क्या फायदा पहुंचा? दूध के दाम बाजार में बढ़ गए हैं दूध 70 रूपये लीटर तक पहुंच गया है। सोचिये मंहगाई कितनी हो गई है। जरूरत की चीजों के बड़े दामों से लोगों का जीना दूभर हो गया है। भाजपा ने समाज के सभी वर्गों को परेशान करके रख दिया है।


    श्री यादव ने कहा उत्तर प्रदेश में विकास अवरुद्ध है। संडीला में समाजवादी सरकार में जो कारखाना लगा उसके बाद कौन उद्योग लगा? गंगा एक्सप्रेस-वे पता नहीं बन भी पाएगा या नहीं? इन्वेस्टर्स मीट पहले भी धोखा थी और अब भी धोखा है।
अखिलेश यादव ने स्नातक और शिक्षक खण्ड के निर्वाचन क्षेत्र के एमएलसी चुनाव पर कहा कि भाजपा बेईमानी कर ले और बेईमानी की बधाई एक दूसरे को दे। यह पहला चुनाव नहीं है, इससे पहले भी ऐसे चुनाव हुए है। जिला पंचायत चुनाव में भी कीमत लगाई गई, ब्लाक प्रमुख के चुनाव में पर्चें नहीं भरने दिए गए। एमएलसी चुनाव में डीएम एसपी और पुलिस प्रशासन चुनाव लड़ता रहा। मतदाताओं को वोट डालने से रोका गया।

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