प्रमुख सचिव नगर विकास ने निकायों के प्रबंधन को लेकर जारी किये नये आदेश
डीएम नगर निगम की तीन सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष होंगे
प्रशासक एवं अधिशासी अधिकारी के हस्ताक्षरों से हो सकेंगे भुगतान
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद समेत पूरे प्रदेश की नगर पालिकाओं में अब अपर जिलाधिकारी (एडीएम) और एसडीएम प्रशासक की भूमिका निभायेंगे। प्रदेश के सभी जिलाधिकारी मंगलवार तक इस संबंध में आदेश जारी कर देंगे। जिलाधिकारी नगर निगम की तीन सदस्यीय समिति के अध्यक्ष होंगे।
सोमवार को प्रदेश के प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने नगर निगमों, नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों के कार्यों के प्रबंधन हेतु व्यवस्था के लिए आदेश जारी किये है। उन्होंने कहा है कि उप्र नगर निगम अधिनियम 1959 के अनुसार आहरण- वितरण का कार्य लेखाधिकारी अथवा मुख्य अधिकारी एवं नगर आयुक्त के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जाता है। उप्र नगर पालिका अधिनियम 1916 के अनुसार नया बोर्ड गठित किये जाने तक नगर पालिका एवं नगर पंचायतों में अध्यक्ष एवं समिति की समस्त शक्तियां प्रशासक में निहित होगी। इसके तहत भुगतान के चेक पर प्रशासक एवं अधिशासी अधिकारी के हस्ताक्षर ही मान्य होंगे।
प्रमुख सचिव ने निर्देश दिये कि अब जिलाधिकारी द्वारा नियुक्त प्रशासक एवं अधिशासी अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षरों से ही भुगतान होंगे। सूत्रों के अनुसार लोनी एवं खोड़ा नगर पालिका परिषदों में कड़क मिजाज मानी जा रही एडीएम प्रशासन ऋतु सुहास को प्रशासक की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके साथ ही अन्य नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों में एसडीएम प्रशासक का जिम्मा संभालेंगे। इसमें एसडीएम न्यायिक अथवा अतिरिक्त एसडीएम भी हो सकते हैं। प्रमुख सचिव नगर विकास के निर्देश आज मिले हैं। मंगलवार को सभी निकायों में प्रशासक नियुक्त कर दिये जायेंगे।
राकेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी गाजियाबाद