भीषण शीतलहर में कंपकपा रहा यूपी सरकार सुन्न
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश भीषण शीत लहर में ठिठुर रहा है। भाजपा सरकार की प्रशासकीय पकड़ न होने से स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। अस्पतालों में अब इलाज नहीं सिर्फ परामर्श मिल रहा है। जनता इस बीमार व्यवस्था से त्रस्त है। ठंड के प्रकोप से पीड़ितों में जो बच सकते हैं वे भी इस अव्यवस्था से नहीं बच पा रहे हैं। सैकड़ों लोग अपनी जान गवां चुके हैं।
भाजपा सरकार में बचाव के लिए रैन बसेरे और अलाव भाजपा सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार का शिकार हैं। गरीब सड़कों पर है, कम्बल वितरण की व्यवस्था कहां है? झूठे दावों और प्रचार करने में ही सरकार व्यस्त है। खुद मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में अस्पताल जर्जर हालत में है। गोरखपुर के बीआरड़ी मेडिकल कॉलेज की छत लोहे की राड के सहारे टिकी है। जब वहां की व्यवस्था दुरूस्त नहीं करा पा रहे हैं तो इतने बड़े प्रदेश की व्यवस्था सुधारने का दावा कहां टिकता है?
कानपुर में हफ्ते भर में सैकड़ों मौतें होने की खबर दिल दहलाने वाली है। अन्य जनपदों के भी हाल बदहाल हैं। उनकी मौतों की तो गणना ही नहीं हो रही है। सिद्धार्थनगर के जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउण्ड कराने का नम्बर कई दिनों बाद का मिल रहा है औसतन 100 मरीजों में डॉक्टर एक दिन में 30 मरीजों का ही अल्ट्रासाउण्ड कराते है। राजधानी लखनऊ के भी अस्पतालों में इलाज का संकट है। आईसीयू वार्ड तक में भर्ती नहीं हो रही है। इमर्जेंसी में तो कोई पूछता ही नही है।
कन्नौज में मेडिकल कॉलेज में कार्डियोलॉजी विभाग बंद होने से तड़प कर मरीज ने दम तोड़ दिया। कई अस्पतालों में चिकित्सा कर्मियों व डाक्टरों की कमी की शिकायतों पर भाजपा सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है।
लगातार घटते तापमान ने लोगों की जिंदगी दूभर कर दी है। गलनभरी ठंड से कई जनपदों में स्कूल बंद हो गए हैं। ट्रेन, बस और वायु सेवाएं भी अस्तव्यस्त हो चली हैं। घने कोहरे की वजह से रोजाना सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं।
किसानों को ठंड के इन दिनों में खेत में सिंचाई के साथ आवारा पशुओं से अपनी फसल बचाने के लिए चौकीदार बनना पड़ रहा है, जिससे वे बीमार पड़ रहे हैं। कई किसान इसमें अपनी जान भी गंवा चुके हैं।
इस वर्ष शीतलहर का प्रकोप रिकार्ड तोड़ होने से गरीबों की जिंदगी बचाने के लिए जो व्यवस्थाएं भाजपा सरकार को करनी चाहिए थी, वे भी कहीं दिखाई नहीं दे रही है। सरकार की ऐसी संवेदनहीनता अक्षम्य है।