Dainik Athah

विधायक कार्रवाई पर अड़े, मुख्यमंत्री तक जा सकता है यह मुद्दा

पांच विधायकों को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में जाने से रोकने का मामला

पुलिस- प्रशासन खुद बचाने की कर रहे तैयारी

पांच विधायकों की एकजुटता बन रही है पुलिस- प्रशासन के लिए सिरदर्द

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम जा रहे विधायकों को वीवीआईपी गेट पर रोक जाने का मामला आने वाले समय में जिले के पुलिस- प्रशासन के लिए सिरदर्द बन सकता है। विधायकों ने अपनी नाराजगी से पहले ही पुलिस- प्रशासन को अवगत करा दिया है। इतना ही नहीं मौके पर भाजपा के प्रदेश प्रभारी के पहुंचने पर संगठन एवं सरकार में उच्च स्तर पर यह मामला वैसे भी पहुंच सकता है।


बता दें कि भाजपा के पांच विधायक सुनील शर्मा, अतुल गर्ग, अजीत पाल त्यागी, नंद किशोर गुर्जर एवं धर्मेश तोमर एक ही गाड़ी से कविनगर रामलीला मैदान में आयोजित प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे थे। सभी विधायक वीवीआईपी गेट पर पहुंचे थे। लेकिन वहां तैनात पुलिस इंस्पेक्टरों ने पांचों को रोक दिया और कहा इस रास्ते से नहीं जा सकते। सूत्रों के अनुुसार धर्मेश तोमर ने यह जानकारी जिलाधिकारी को दी, जिसके बाद वहां एसपी ग्रामीण डा. ईरज राजा पहुंचे। इसी दौरान भाजपा के प्रदेश प्रभारी एवं राष्टÑीय उपाध्यक्ष राधा मोहन सिंह भी पहुंच गये। बाद में दोनों ने विधायकों को मनाया और अपने साथ स्टेज पर लेकर गये।


सूत्रों की मानें तो पांचों विधायकों की मुख्यमंत्री के जाने के बाद डीएम- एसएसपी से बैठक हुई जिसमें विधायकों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठा दी। लेकिन 24 घंटे बाद भी कार्रवाई के नाम पर सन्नाटा है। उधर विधायक अपने स्टेंड पर अडिग है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बैठक में पूरा मामला पुलिस के ऊपर चला गया। यह भी रहा कि पुलिस की तरफ से गलती है। इस प्रकार गेंद अब पुलिस के पाले में है। इस मामले की जानकारी आईजी तक भी पहुंच चुकी है। सूत्र बताते हैं कि विधायक इस मामले में चुप नहीं रहना चाहते। यदि स्थानीय स्तर पर विधायकों को संतुष्ट नहीं किया जा सका तो यह मामला शासन एवं मुख्यमंत्री स्तर तक भी पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है।

क्या तालमेल में रह गई थी कोई कमी
सूत्रों के अनुसार यह पूरा मामला तालमेल के अभाव का लग रहा है। या तो प्रशासन पुलिस अधिकारियों को पूरी तरह से समझा नहीं पाया या फिर पुलिस के समझने में गलती हुई है। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि मौके पर मौजूद एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी की भी इसमें भूमिका हो सकती है। अब जब मामला गरमा गया है तो निश्चित है कि जांच एवं कार्रवाई तो होगी चाहे वह देर सवेर हो। अब कौन गलत पाया जाता है और कौन सही यह आने वाला समय बतायेगा। विधायकों की एकजुटता एवं मौके पर प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह के पहुंचने के कारण मामले का ऊपर तक पहुंचना तो तय है। अब सभी की नजरें विधायकों के साथ ही पुलिस- प्रशासन पर लगी है।


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