Dainik Athah

आरक्षित दर से दोगुनी से भी अधिक की लगी भूखंडों की बोली

मधुबन बापूधाम आवासीय भूखंडों को खरीदने वालों की जीडीए में उमड़ी भीड़

राजस्व प्राप्ति के पुराने सभी रिकॉर्ड हुए ध्वस्त

मुख्य संवाददाता
गाजियाबाद।
अर्से से आर्थिक संकट से जूझ रहे गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की अनिस्तारित संपत्तियों को खरीददारों ने हाथों हाथ लिया। 40 मीटर से 450 मीटर तक के 68 भूखंडों को खरीदने के लिए ढ़ाई सौ से अधिक खरीददारों ने बोली में भागीदारी की। आवासीय भूखंडों की आरक्षित दर 32 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर रखी गई थी। एक दो संपत्तियों को छोड़ कर अधिकांश संपत्तियां आरक्षित दर के मुकाबले डेढ़ से दोगुनी से भी अधिक दर पर बिकी। समाचार लिखे जाने तक करीब 30 संपत्तियों का निस्तारण किया जा चुका था। जीडीए के अपर सचिव सीपी त्रिपाठी के अनुसार खुली बोली में मधुबन बापूधाम आवासीय योजना के विभिन्न पॉकेट में बेची गई इन संपत्तियों से प्राधिकरण को 38 करोड़ रुपए होंगे। जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

गौरतलब है कि वित्तीय संकट से गुजर रहा प्राधिकरण करीब 12 सौ रुपए का कर्जदार है। त्रिपाठी के अनुसार गत वर्ष दिसंबर में इसी योजना के 322 भूखंडों का आवंटन लाटरी के माध्यम से किया गया था। तब इन भूखंडों की आरक्षित दर 29975 रुपए प्रति वर्ग मीटर रखी गई थी। इस वित्तीय वर्ष में इससे पहले जीडीए द्वारा खुली नीलामी में करीब डेढ सौ संपत्तियों का निस्तारण किया जा चुका है। जिनसे प्राधिकरण को 170 करोड़ रुपए प्राप्त हो रहे हैं। श्री त्रिपाठी के अनुसार अनिस्तारित संपत्तियों की साप्ताहिक नीलामी से प्राधिकरण की औसतन मासिक आय करीब 40 करोड़ रुपए है। उन्होंने बताया कि जीडीए के पास अभी भी ढ़ाई हजार से अधिक अनिस्तारित संपत्तियां शेष हैं। जिन्हें भी नीलामी के माध्यम से बेचा जाएगा।

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