Dainik Athah

प्रदेश के गैर मान्यता प्राप्त 8496 मदरसों का सर्वे कार्य पूर्ण

60 जनपदों द्वारा सर्वे रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराई गयी

अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं को बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा उपलब्ध कराना राज्य सरकार का उद्देश्य

बच्चे देश का भविष्य, उनका भविष्य बनाना और संवारना हम सबकी महती जिम्मेदारी: धर्मपाल सिंह

अथाह ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिक वक्फ एवं हज विभाग के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने प्रदेश के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे कार्य के संबंध में विधानभवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में समीक्षा बैठक की। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी 75 जिलों से प्राप्त सूचना के अनुसार कुल चिन्हित 8496 मदरसों के सापेक्ष शत-प्रतिशत मदरसों का सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है। कुल 75 में से 60 जिलों द्वारा सर्वे रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराई जा चुकी है तथा शेष 15 जिलों की सर्वे रिपोर्ट भी निर्धारित अवधि में उपलब्ध हो जायेगी। उन्होंने कहा कि सभी जिलों से रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरान्त अग्रिम कार्यवाही की जायेगी और आवश्यक निर्णय लिये जायेंगे। राज्य सरकार द्वारा सर्वे कार्य का उद्देश्य अल्पसंख्यक वर्ग को समाज की मुख्य धारा में शामिल करना और विकास की गति से जोड़ना है।


अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने मदरसों के सर्वे कार्य की समीक्षा करते हुए कहा कि अल्पसंख्यक विभाग ने कम समय में वृहद स्तर पर विभिन्न समस्याओं का सामना करते हुए निर्धारित अवधि में सर्वे कार्य सम्पन्न कराया है, जो कि सराहनीय है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए कि सर्वे कार्य का परिणाम सकारात्मक हो और इससे अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र एवं छात्रायें अधिकाधिक लाभान्वित हों। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं को बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा उपलब्ध कराना राज्य सरकार का उद्देश्य है। बच्चे देश का भविष्य हैं और बच्चों के भविष्य को बनाना और संवारना हम सबकी महती जिम्मेदारी है। बच्चों के भविष्य के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष किसी भी रूप में खिलवाड़ नहीं करने दिया जायेगा।


समीक्षा बैठक में बताया गया कि 75 जिलों में से जिलाधिकारी बस्ती, कासगंज, महोबा, औरैया, ललितपुर, चन्दौली, शामली, अलीगढ़, फरूर्खाबाद, चित्रकूट, मथुरा, मऊ, आगरा, अम्बेडकरनगर, फतेहपुर, श्रावस्ती, कौशाम्बी, हमीरपुर, देवरिया, जौनपुर, सहारनपुर, कानपुर नगर, जालौन, उन्नाव, बांदा, शाहजहांपुर, झांसी, लखनऊ, अयोध्या, हरदोई, सम्भल, पीलीभीत, रायबरेली, संतकबीरनगर, गाजियाबाद, इटावा, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, सीतापुर, गोण्डा, फिरोजाबाद, बलिया, बरेली, लखीमपुरखीरी, सोनभद्र, आजमगढ़, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, महराजगंज, बुलन्दशहर, बहराइच, वाराणसी, सुल्तानपुर, कानपुर देहात, बाराबंकी, मेरठ, बदायूं एवं प्रयागराज जनपदों द्वारा सर्वे के उपरान्त अंतिम रिपोर्ट शासन को प्रेषित कर दी गई है तथा शेष अन्य जिलों में भी सर्वे कार्य पूरा हो चुका है, जिसकी रिपोर्ट शीघ्र ही प्राप्त हो जायेगी। उल्लेखनीय है कि जिलाधिकारी के माध्यम से शासन स्तर पर सर्वे रिपोर्ट प्राप्त किये जाने की अंतिम तिथि 15 नवम्बर, 2022 निर्धारित की गयी है।


बैठक में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे के संबंध में कहा कि अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र एवं छात्राओं का सर्वांगीण विकास ही हम सबका प्रमुख लक्ष्य होना चाहिए और उसी के आधार पर योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाना चाहिए।

बैठक में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रभारी प्रमुख सचिव डा. हरिओम ने गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे कार्य की अद्तन स्थिति से मंत्री को अवगत कराया और उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा कि अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं की शिक्षा के आधुनिकीकरण कम्प्यूटरीकरण तथा उनको समाज की मुख्यधारा में शामिल किये जाने हेतु राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप विभाग द्वारा हर संभव कार्य किया जायेगा। समीक्षा बैठक में विशेष सचिव अल्पसंख्यक आनंद कुमार, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की निदेशक जे. रीभा, रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह तथा संयुक्त निदेशक एसएन पांडेय उपस्थित थे।

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