देश में पहली बार पूरे दिन महिला विधायक ही संभालेंगी मोर्चा
विधानसभा में 47 और विधान परिषद् में हैं 6 महिला सदस्य
दोनों सदनों की पीठासीन अधिकारी भी हो सकती हैं महिलाएं
अथाह ब्यूरो,
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के दोनों विधायी सदन गुरुवार को महिला सदस्यों के नाम होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर देश के संवैधानिक इतिहास में ऐसा पहली बार होगा, जब केवल महिला सदस्य ही अपने अपने विषयों को सदन में प्रखरता के साथ रखेंगी। 19 सितंबर से शुरू हुए मानसून सत्र का गुरुवार को चौथा दिन है, जिसे केवल नारी शक्ति को समर्पित किया गया है।
22 सितंबर का दिन दोनों सदनों की महिला सदस्यों के लिए आरक्षित रखा गया है। कल विधानसभा की 47 और विधान परिषद की 6 महिला सदस्य अपने अपने विषय रखेंगी। साथ ही प्रदेश की महिलाओं के सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन के दृष्टिगत चलाए जा रहे मिशन शक्ति कार्यक्रम के विषय में भी महिला सदस्य प्रमुखता से बोलेंगी। इतना ही नहीं, इस बात की भी उम्मीद है कि कल दोनों सदनों में पीठासीन अधिकारी के पद पर किसी महिला सदस्य को ही जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
बीते साढ़े पांच साल में उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान को सुनिश्चित करते हुए उन्हें स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से व्यापक स्तर पर कार्य किये हैं। ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’, सरकारी नौकरियों में महिलाओं की भागीदारी, स्वरोजकारपरक योजनाओं आदि से व्यापक स्तर पर जोड़कर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी अभूतपूर्व कार्य किये गये हैं।