विभिन्न प्रौद्योगिकी नोड्स के सेमीकंडक्टर फैब के साथ-साथ कंपाउंड सेमीकंडक्टर, पैकेजिंग और अन्य सेमीकंडक्टर सुविधाओं के लिए 50 प्रतिशत प्रोत्साहन
कविलाश मिश्र
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने भारत में सेमीकंडक्टर के विकास और डिस्प्ले विनिर्माण इकोसिस्टम कार्यक्रम में संशोधनों को मंजूरी दी है। इसके अतिरिक्त केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल में गीगा वाट (जीडब्ल्यू) पैमाने की उत्पादन क्षमता हासिल करने हेतु ‘उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के राष्ट्रीय कार्यक्रम’ में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना को भी मंजूरी दी है।
अब भारत में सेमीकंडक्टर फैब की स्थापना की योजना के तहत सभी प्रौद्योगिकी नोड्स के लिए परियोजना लागत के 50 प्रतिशत की समानता के आधार पर वित्तीय सहायता दी जाएगी।
इसके अतिरिक्त डिस्प्ले फैब स्थापित करने की योजना के तहत परियोजना लागत के 50 प्रतिशत की समानता के आधार पर भी वित्तीय सहायता की मंजूरी दी गई है।
इस कार्यक्रम ने भारत में फैब स्थापित करने के लिए कई वैश्विक सेमीकंडक्टर कंपनियों को आकर्षित किया है। संशोधित कार्यक्रम से भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण के निवेश में तेजी आयेगी। संभावित निवेशकों से चर्चा के आधार पर, यह उम्मीद की जाती है कि पहली सेमीकंडक्टर सुविधा स्थापित करने का काम जल्द ही शुरू हो जाएगा।
भारत सेमीकंडक्टर मिशन, जो भारत में सेमीकंडक्टर के विकास और डिस्प्ले विनिर्माण इकोसिस्टम कार्यक्रम के लिए नोडल एजेंसी है, को सलाह देने के लिए उद्योग जगत और शिक्षा जगत के वैश्विक विशेषज्ञों की एक सलाहकार समिति का गठन किया गया था। सलाहकार समिति ने सर्वसम्मति से सिलिकॉन सेमीकंडक्टर फैब/सिलिकॉन फोटोनिक्स/सेंसर/डिस्क्रीट सेमीकंडक्टर फैब्स और एटीएमपी/ओएसएटी के सभी प्रौद्योगिकी नोड्स के लिए एकसमान समर्थन की सिफारिश की है, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया है। 45एनएम और उससे अधिक के प्रौद्योगिकी नोड्स की मांग, अन्य के साथ-साथ वाहन, विद्युत और दूरसंचार अनुप्रयोगों के कारण अधिक है। इसके अलावा, यह हिस्सा कुल सेमीकंडक्टर बाजार का लगभग 50 प्रतिशत है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल में गीगा वाट (जीडब्ल्यू) पैमाने की उत्पादन क्षमता हासिल करने हेतु कुल 19,500 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ ‘उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के राष्ट्रीय कार्यक्रम’ में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (किस्त II) के कार्यान्वयन के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के राष्ट्रीय कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के उत्पादन के लिए एक इकोसिस्टम का निर्माण करना है, और इस प्रकार नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में आयात पर निर्भरता को कम करना है। यह कदम ‘आत्मनिर्भर भारत’ की पहल को मजबूत करेगा और रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
एक पारदर्शी चयन प्रक्रिया के माध्यम से सोलर पीवी निर्माताओं का चयन किया जाएगा। उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) का वितरण सौर पीवी उत्पादन संयंत्रों के चालू होने के बाद पांच वर्षों के लिए किया जाएगा और यह प्रोत्साहन घरेलू बाजार से उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल की बिक्री पर दिया जाएगा।
इस योजना के प्रमुख बिंदु :-
- यह अनुमान किया जाता है कि पूर्ण और आंशिक रूप से एकीकृत, सौर पीवी मॉड्यूल की लगभग 65,000 मेगावाट प्रति वर्ष की उत्पादन क्षमता की स्थापना की जाएगी।
- इस योजना से लगभग 94,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष निवेश आएगा।
- ईवीए, सोलर ग्लास, बैकशीट आदि जैसी शेष सामग्रियों के लिए उत्पादन क्षमता का निर्माण।
- लगभग 1,95,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और लगभग 7,80,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार।
- लगभग 1.37 लाख करोड़ रुपये का आयात प्रतिस्थापन।
- सौर पीवी मॉड्यूल में उच्च दक्षता प्राप्त करने हेतु अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहन।